आज हम इस लेख में जानेंगे कर्फ्यू क्या है?: कर्फ्यू की धारा कौन सी होती है, कर्फ्यू का मतलब क्या होता है, कर्फ्यू कब लगाया जाता है, कर्फ्यू किस भाषा का शब्द है, दुनिया में पहली बार कर्फ्यू लगाने वाला देश
जब से भारत में करोना काल आया है उसके बाद से कर्फ्यू शब्द का काफी इस्तेमाल हुआ है, और इस कारण से आज की नई पीढ़ी के बच्चों में कर्फ्यू नाम के बारे में उत्सुकता जाग गई है, कि आखिर कर्फ्यू क्या होता है? उन लोगों के मन में बार-बार यही सवाल आ रहा है और वह कर्फ्यू के बारे में पूरी जानकारी हासिल करना चाहते हैं।
इसी कारण से आज का यह आर्टिकल उन बच्चों या बड़ो के लिए काफी फायदेमंद होने वाला है जो कर्फ्यू के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं, क्योंकि इस आर्टिकल के अंदर हम आपको डिटेल से कर्फ्यू के बारे में जानकारी देंगे तो कर्फ्यू के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
कर्फ्यू क्या है? What is curfew in Hindi
आज के समय में कर्फ्यू एक आज्ञा होती है जो जिले के मजिस्ट्रेट द्वारा घोषित की जाती है शाशन प्रशाशन द्वारा इसका पालन करवाया जाता है। इसका उपयोग परिस्थितियों जैसे हिंसात्मक, दंगा, लूटपाट, साम्प्रदायिक तनाव को काबू में करने एवं शांति व्यवस्था को स्थापित करने के उद्देश्य से किया जाता है। ताकि आम नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा हो सके।
इसका उल्लंघन अगर कोई करता है तो उसे बहुत ही कठिन सजा सुनाई जाती है, इसीलिए इस आदेश का पालन करना अनिवार्य है, भारत में यह आदेश धारा 144 के अंतर्गत जारी किया जाता है, इस धारा में लोगों को इकट्ठा या एक साथ खड़ा होना बिलकुल मना है।
अगर कोई इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उसे जेल में डाल दिया जाता है और उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाती है, कर्फ्यू करोना काल के बाद बहुत ही ज्यादा देखने को मिला है, जिसमें सभी नागरिक अपने अपने घर में रहकर सब काम कर रहे थे, जब भी किसी भी जगह पर कर्फ्यू लगाया जाता है तो उस समय घर से बाहर निकलना नहीं चाहिए।
कर्फ्यू का मतलब क्या होता है? कर्फ्यू मीनिंग इन हिंदी
सामान्य भाषा में में कर्फ्यू शब्द का अर्थ प्रतिबंधित आदेश होता है जिसे जिले का कलेक्टर या उच्च अधिकारी लागू करता है। यह आपात स्थति में लागू एक कानून है जिसके लागू हो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने घरों से नहीं निकल सकता है। इसे लागु करने के लिए लिए सीआरपीसी की धारा 144 का इस्तेमाल किया जाया जाता है।
कर्फ्यू कब लगाया जाता है?
कर्फ्यू क्या है ये तो हम समझ ही चुके है लेकिन कर्फ्यू कब लगाया जाता है यह जानना भी बेहद जरुरी है। क्यूंकि सामान्यतः तनावपूर्ण स्थिति को काबू में करने के लिए CrPF की धारा 144 का इस्तेमाल किया जा सकता है तो कर्फ्यू की आवश्यकता क्या है?
दोस्तों कभी कभी किसी सम्प्रयादिक तनाव, राजनैतिक हिंसा, प्रायोजित हिंसा अथवा माहौल की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिले के मजिस्ट्रेट द्वारा कर्फ्यू का आदेश दिया जाता है, ताकि स्थित को सामान्य करने में मदद मिल सके।
जब कहीँ पर स्थिति काबू से बाहर होते दिखाई देती है तब उस इलाके में कर्फ्यू को लागू कर दिया जाता है, ताकि उस इलाके के अंदर लोग इकट्ठे ना हो, अगर कुछ लोग उस इलाके के अंदर इकट्ठे होते हैं तो उन पर धारा 144 के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाती है।
कर्फ्यू के नियम:
कर्फ्यू के नियम स्थिति के अनुसार लागू किये जाते है। कर्फ्यू बहुत ही खराब स्थिति में लगाया जाता है। कर्फ्यू के दौरान धारा 144 लागू कर दी जाती है और नियमों को सख्त कर दिया जाता है। कर्फ्यू की स्थिति में लोगों को एक निश्चित अवधि तक अपने घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया जाता है और आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए कुछ निश्चित समय के छूट दी जाती है।
कर्फ्यू की स्थिति में मार्केट, स्कूल, कॉलेज, इन्टरनेट आदि को बंद करने का आदेश दिया जाता है, साथ ही साथ पुरे इलाके की नाकेबंदी के साथ शहर की सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी जाती है। कर्फ्यू के दौरान शवयात्रा इत्यादि में सीमित संख्या के साथ छूट दी जाती है।
दुनिया में पहली बार कर्फ्यू लगाने वाला देश
एक धारणा के अनुसार 16वीं शताब्दी में इग्लैंड में विलियम द कांकरर द्वारा राजनीतिक दमन के लिए सर्वप्रथम कर्फ़्यू का इस्तेमाल दिया गया था। हालाँकि इस बात का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलता है।
जबकि मध्यकाल में कर्फ़्यू का इस्तेमाल आग जैसी घटनाओं को नियंत्रित करने का माध्यम था। जिसमे आग लगने की घटना की स्थिति में गिरजाघरों की घंटियाँ बजाकर लोगों को आग के प्रति सचेत करते हुए उसे बुझाने का काम किया जाता था।
कर्फ्यू जिले के मजिस्ट्रेट द्वारा घोषित एक क़ानूनी आज्ञा होती है जिसका पालन पुलिस प्रशाशन द्वारा सख्ती से करवाया जाता है।
किसी तनावपूर्ण जगह पर दंगा, लूटपाट, आगजनी, हिंसात्मक तथा विध्वंसक स्थिति को रोकने के लिए कर्फ्यू को लागू कर दिया जाता है।
जिला मजिस्ट्रेट कर्फ्यू को लागू कर सकते है, जिला मजिस्ट्रेट के पास ही कर्फ्यू लागू करने का अधिकार होता है।
हां कर्फ्यू के दौरान हॉस्पिटल, मेडिकल जैसी जरूरी सेवाएं चालू रहती है साथ ही दूध, राशन जैसी आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए एक निश्चित समय तक के लिए छूट दी जाती है।
कर्फ्यू शब्द फ्रेंच भाषा का शब्द है जो couvre-feu से बना है। कॉवेर फ्यू का अर्थ “आग को ढकना” होता है। यही शब्द आड़े चलकर इंग्लिश curfew हो गया।
एक धारणा के अनुसार सबसे पहले 16 वीं शताब्दी में इग्लैंड में विलियम द कांकरर द्वारा राजनीतिक दमन के लिए सर्वप्रथम कर्फ़्यू का इस्तेमाल दिया गया था।
Conclusion:-
तो यह थी कर्फ्यू क्या है? कि पूरी जानकारी, उम्मीद करता हूं कि बताई यहां गई सभी जानकारी आपको प्रभावित करेगी, आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी हमारे आर्टिकल पर रिव्यु अथवा कमेंट करके जरूर बताईये। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सब कुछ अच्छे से समझ आया तो इस आर्टिकल को उन लोगों तक जरूर शेयर करें या अपने उन दोस्तों तक जरूर शेयर करें जो कर्फ्यू के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं। क्योंकि इस आर्टिकल में हमने आपको बिल्कुल डिटेल से जानकारी देने की कोशिश की है अगर आपको आर्टिकल में किसी भी प्रकार की दिक्कत आ रही है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के पूछ सकते हैं तो हम आपके सवाल का जवाब जल्दी से जल्दी देने की कोशिश करेंगे।