क्या संस्कृत विश्व की समस्त भाषाओं की जननी है ?

आज विश्व में अनेकों भाषाएँ प्रचलित है | किन्तु इनका काल निश्चित है कोई सौ वर्ष, कोई पाँच सौ तो कोई हजार वर्ष पहले जन्मी। साथ ही इन भिन्न भिन्न भाषाओ का जब भी जन्म हुआ, उस समय अन्य भाषाओ का अस्तित्व था। अतः पूर्व से ही भाषा का ज्ञान होने के कारण एक नयी भाषा को जन्म देना अधिक कठिन कार्य नहीं है। किन्तु फिर भी साधारण मनुष्यो द्वारा साधारण रीति से बिना किसी वैज्ञानिक आधार के निर्माण की गयी सभी भाषाओ मे भाषागत दोष दिखते है। ये सभी भाषाए पूर्ण शुद्धता,स्पष्टता एवं वैज्ञानिकता की कसौटी पर खरा नहीं उतरती।

क्या संस्कृत विश्व की समस्त भाषाओं की जननी है ?

तो कौन सी ऐसी भाषा है जो पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है ?

संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार विश्व की 97% भाषाओँ के शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए है| संस्कृत के ये तथ्य जानकर आप भी सिखाना चाहेगें संस्कृत . भारत में संस्कृत भाषा की सेक्लुरिस्म के कारण जो भी हाल हो परन्तु विश्व में संस्कृत भाषा का पूरी तरह से दबदवा है।

१. संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार विश्व की 97% भाषाओँ के शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए हैं।

२. कंप्यूटर की algorithm संस्कृत में बनी है न कि अंग्रेजी भाषा में |

३. संस्कृत में दुनिया में किसी भी भाषा से अधिक शब्द हैं बर्तमान में संस्कृत में ।102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है|फिर भी संस्कृत में सबसे कम शब्दों में एक वाक्य पूर्ण हो जाता है।

४. FORBES MAGAZINE के जुलाई 1987 के अंक में संस्कृत को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए सबसे बेहतर भाषा माना गया है |

५. नासा के संस्कृत अनुसार पृथ्वी पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है जिसके कारण संस्कृत कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए सबसे उत्तम भाषा है नासा के पास ताडपत्रों लिखी संस्कृत की 60000 पांडुलिपियाँ है जिस पर नासा अनुसन्धान कर रहा है।

६. नासा के 6TH and 7th generation के सुपर कंप्यूटर पूर्णतय संस्कृत भाषा पर आधारित होगें जो वर्ष 2034 तक बनकर तैयार हो जायेगें।

७. संस्कृत सिखाने से मस्तिष्क तेज हो जाता है और स्मरण रखें शक्ति बढ़ जाती है इसलिए लन्दन और आयरलैंड के कई विद्यालयों में संस्कृत एक अनिवार्य (compulsory) विषय है।

८. अमेरिका की International Vedic Hindu University के अनुसार संस्कृत अकेली एसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ की सभी मांसपेशियों का प्रयोग करती है जिससे शारीर में रक्त संचार बेहतर होता है।

९. विश्व के लगभग 17 से अधिक देशों में संस्कृत तकनीकी भाषा की तरह पढाई जाती है। हम संस्कृत को आम लोगो बोल चाल की भाषा कैसे बना सकते है ? मित्रो अगर हम धीरे धीरे हिंदी में संस्कृत भाषा के शब्द जोड़ते जाये तो धीरे धीरे संस्कृत भाषा आम बोल चाल की भाषा बन सकती है. जैसे की आदि शकराचार्य ने जब बुद्ध धर्म को शस्तरार्थ कर के परास्त किया था तो तब भारत में पाली भाषा चलती थी और आदि शकराचार्य ने अपने शिष्यों से कहा था पाली में संस्कृत के शब्द जोड़ते जाओ धीरे-धीरे पाली संस्कृत बन जाएगी. आप भी अपनी प्रतिदिन की भाषा में संस्कृत के शब्दों का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग करें .

उदाहरण के लिए –

Nose(Nasal) = नासिका

Door = द्वार

Hand = हस्त

Path = पथ

they = ते

Warrior = वीर
Self  = स्व

ऐसे ही हजारो शब्द है संस्कृत भाषा से लिए गए हैं | अतः संस्कृत को देववाणी कहना गलत नही होगा |

            कृण्वन्तो विश्वं आर्यम

Previous articleरबड़ का एक सांप | क्या बात है
Next articleCyber crime insurance cover Plan :ऑनलाइन ठगी से बचाव के लिए बीमा योजना
कुलदीप मनोहर Kyahai.net हिंदी ब्लॉग के Founder हैं. मै एक Professional Blogger हूँ और SEO, Technology, Internet से जुड़े विषयों में रुचि रखता हूँ. अगर आपको ब्लॉगिंग या Internet जुड़ी कुछ जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है. हमारा यह मकसद है के इस ब्लॉग पे आपको अच्छी से अच्छी जानकारी मिले.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here