क्या आप जानते है कि सतरंज का आविष्कार भारत में हुआ था | जिसका प्राचीन नाम था- ‘चतुरंग’ जो भारत से अरब होते हुए यूरोप गया और फिर और फिर १५/१६वीं सदी में तो पूरे संसार में लोकप्रिय और प्रसिद्ध हो गया|
क्या आप जानते हैं टॉयलेट के फ्लश सिन्धु घाटी सभ्यता में 5000 साल पहले भी मौजूद थे
फिर बाथरूम में गुनगुनाते हुए आपने जिस सुगन्धित शैम्पू से अपना सर धोया… वो शैम्पू भारत की देन है.
आप जिस स्टील के इस्तेमाल करते हैं, उस स्टील का सर्वप्रथम प्रयोग भारत में हुआ.
आपके जेब में जो पेन लगा हुआ है… उसकी इंक की खोज भारत में हुई.
दुनिया को कपड़े पहनना भारत ने सिखाया… जब दुनिया में लोग जानवरों की खाल पहनते थे… तब एकमात्र भारत कपास की खेती किया करता था.
दुनिया का सबसे पहला शर्ट का बटन भी सिन्धु घाटी सभ्यता में मिला है
आपके जेब में रखा मोबाइल जिन रेडियो वेव्स के सहारे कम्यूनिकेट करता है… “रेडियो वेव्स” जो आज के संचार के युग का आधार है. उनका सबसे पहले प्रदर्शन एक भारतीय “जगदीश चन्द्र बसु” ने किया था.
इस कमरे में प्रेषित इन्टरनेट जिन फाइबर ऑप्टिकल केबल्स के सहारे संचारित हो रहा है… उसका अविष्कारक एक हिंदुस्तानी “नरेन्द्र सिंह कपानी” था.
आपके मोबाइल में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली ईमेल सर्विस hotmail का अविष्कारक एक भारतीय था.
आपके शरीर के अणुओ में बलवाहक कण “बोसान” है… ये महान खोज एक भारतीय “सत्येन्द्र नाथ बोस” ने की थी… और उन्हीं का सम्मान करते हुए विश्व वैज्ञानिक समुदाय की तरफ से “हिग्स बोसान” कण को उसका नाम मिला.
बेशक इतिहास के सहारे वर्तमान का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता पर एक गौरवमयी इतिहास उस देश के नागरिको को “गर्व के एहसास” के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित जरुर करता है और दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता होने के नाते… गर्व करने को हमारे पास बहुत कुछ है.
जब पश्चिम में धार्मिक विश्वासों के ऊपर अघात करने के लिए ब्रूनो को ज़िंदा जला दिया गया, गैलिलियो को लंबा कारावास भुगतना पड़ा, तब उससे सैकड़ों साल पहले भारत में एक इन्सान ऐसा था जिसने ये साबित किया पृथ्वी सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाती है.
ये भारत था जिसने लोगो को गिनना सिखाया… शून्य का प्रयोग सिखाया… कपड़े पहनना सिखाया और एक जन समूह को सामाजिक ढाँचे में ढाल के रहना सिखाया.
ये भारत था… जहां विद्युत् उत्पादन… प्लास्टिक सर्जरी… का अविष्कार हुआ.
ये भारत था जहाँ सूर्य और अन्य पिंडो की गति की सही सही व्याख्या हुई.
ये भारत था जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था, और फिर सहसा काले अँधेरे छा गए.
विदेशी आक्रान्ताओ ने इस देश में जम के रक्त पात मचाया… नालंदा विश्वविद्यालय में आग भारतीय इतिहास की सबसे क्षतिपूर्ण घटना थी. हमारी बेशकीमती पांडुलिपियो में आग लगा दी गई. ज्ञान नष्ट कर दिया गया. और भारत इस झटके से उबर ना सका.
पहले मुग़ल फिर अंग्रेज… 1000 सालों तक इस देश में आतंक के काले बादल छाए रहे.
जब हमें अंग्रेजो से आजादी मिली तब हम एक भूखे नंगे राष्ट्र थे जो सुई तक का उत्पादन करने में सक्षम नहीं था.
और तब तक Theory Of Relativity और क्वांटम फिजिक्स का विकास हो चुका था… खोजने को बहुत कुछ बचा ही नहीं था.
अब तो कदम से कदम मिला के दौड़ना था, और हिंदुस्तान दौड़ने लगा.
सिर्फ 27 साल के अन्दर हम परमाणु शक्ति संपन्न देशों की लिस्ट में थे.
दुनिया का तीसरा सुपर कंप्यूटर बनाने वाला हिंदुस्तान था.
आज हिंदुस्तान एक देश है जो 450 करोड़ रुपये में मंगल गृह पर पहुँच जाता है.
दुनिया में दूसरे नम्बर पर सबसे ज्यादा डॉक्टर्स, इंजिनियर, साइंटिस्ट हिंदुस्तान में है. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं… जिसमे भारतीयों ने अपनी मौजूदगी ना दर्ज कराई हो.