Hindi Kavita – इश्क के कीड़े

Hindi Kavita : प्यार, मोहब्बत, प्रेम और इश्क कहने तो मात्र ढाई अक्षर के ही है लेकिन इन शब्दों की गहराई इतनी ज्यादा है कि इसको सिर्फ महसूस ही किया जा सकता है. कोई एक बार इस दरिया में उतर जाए तो वापस आने का मतलब वाही समझ सकता है जो इस दरिया में उतर चूका हो. कहते है प्यार “एक आग का दरिया है और डूब के जाना है”.

Hindi Kavita : इश्क के कीड़े

आज इस Love Poem in Hindi में मैं आपको कुछ दिल को छू लेनी वाली love poem hindi में प्रस्तुत करने जा रहा हूँ आशा करता हूँ आपको Hindi Kavita अच्छी लगेगी.

Hindi Kavita

 

आड़ से वो फेक पत्थर खिलखिला कर आ गए
“मूड” था लड़ने का उनसे पर हम दिल मिला के आ गए  |

जब मिली उनसे नजर तो दिल में खड़-बड़ मच गयी
इश्क के जितने थे कीड़े बिलबिला कर आ गए |

देख उनको दूर से ही बस निकल जाते थे हम
बात जब हमने न की वो तिलमिला कर आ गए |

हम पहुच कूचें में उनके भाई से ही भिड़ गए
हम पिटे तो दिन में तारे झिलमिला कर आ गए |

देखकर सेहत मेरी टेलर ने समझा माफिया
फिर तो सारे घर के कपडे सिलसिला कर आ गए |

पाँच वर्षो तक तो जिनका हुक्म ही क़ानून था
भेड़िये वो आज अपनी दुम हिला कर आ गए |

चोर डाकू माफिया जो “टॉप” के थे देश में
हम गए संसद सभी से मिलमिला कर आ गए |

प्रेमियों में जब हुआ झगड़ा बुलाये हम गए
हम सभी को इनका उनका दिल दिलाकर आ गए |

थी हमें लम्बे समय से घुड़सवारी कि ललक
किन्तु थोड़ी देर में हम छिल-छिला कर आ गए |

फल जो भेजे थी नई माशूक को तो ये हुआ
सड़ गए कुछ और बाकि पिलपिला कर आ गए |

है जगह कम और “क्या है” भीड़ ज्यादा देश में
फिर भी सारे लोग देखो हिलहिला कर आ गए ||