Demat account : नमस्कार दोस्तों हमारा आज का विषय share market से ही जुड़ा है. जो लोग शेयर मार्किट के बारे में ज्यादा नहीं जानते है उनके लिए यह लेख है. आज हम डीमैट अकाउंट के बारे में जानेगे
Demat अकाउंट क्या है ?
Demat अकाउंट वो अकाउंट है जिसके द्वारा Share बाजार में खरीद फरोख्त की जाती हैं. सिक्योरिटीज को फिजिकल फार्मेट में बदलने की प्रक्रिया को ‘डीमेटिरियलाइजेशन’ कहते हैं। और इसी का शार्ट फॉर्म ‘डीमैट’ है। इसे खुलवाने के लिए पैन कार्ड होना जरुरी होता है, इसे आपके बैंक खाते से जोड़ दिया जाता है.
कुछ साल पहले तक अगर आप किसी कंपनी का शेयर ख़रीदते थे तो वह आप को उस के कागज़ भेजती थी. जो इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी के शेयर ख़रीदे हैं. और जब आप उस कपंनी के शेयर बेच देते थे तो वह कागज़ आप कंपनी के दफ्तर भेज देते थे. फिर कंपनी यह देखती थी कि जब आप ने शेयर बेचे तो शेयर का क्या भाव था.
फिर आप को वह पैसे देती थी-जिस में बहुत वक़्त लगता है. अब सब कंप्यूटर की मदद से होता है, आपने जैसे ही शेयर खरीदा वह आपके अकाउंट में कुछ देर में ही आ जायेगा और जैसे ही आप ने शेयर बेचा आपका पैसा आपके बैंक अकाउंट में भेज दिया जाएगा.
कितना खर्च आएगा ?
- Demat अकाउंट खुलवाने का खर्च 300-700 रुपए के बीच होता है।
क्या एक से ज्यादा Demat account रख सकते हैं?
- आप एक साथ कई Demat account रख सकते हैं। लेकिन एक कंपनी में आप अधिकतम तीन अकाउंट खुलवा सकते हैं।
कौन खोलता है Demat अकाउंट ?
- भारत में दो संस्थायें डीमैट अकाउंट खोलती है
- नेशनल सेक्योरिटीज डिपोज्रिटी लिमिटेड (एनएसडीएल) एवं सेंट्रल डिपोज्रिटी सर्विसेज लिमिलटेड (सीएसडीएल )।
- इन डिपोज्रिटीज के करीब 500 से ज्यादा एजेंट हैं जिन्हें डिपोज्रिटी पार्टिसिपेंट्स (डीपी ) कहा जाता है।
- यह जरूरी नहीं है कि डीपी कोई बैंक ही हो। दूसरी वित्तीय संस्थाएं जैसे शेयर खान, रिलायंस मनी, इंडिया इनफोलाईन आदि के पास भी डी-मैट अकाउंट खोला जा सकता है।
Demat अकाउंट का कौन इस्तेमाल कर सकता है ?
यह जानना जरूरी है कि जो व्यक्ति खुद शेयर खरीदते-बेचते नहीं हैं उनके ब्रोकर प्रतिनिधि के रूप में खाते का इस्तेमाल कर सकते हैं इन ब्रोकर्स को आप के शेयर ख़रीदने या बेचने पर कुछ फीस मिलती है – कई बार कुछ ब्रोकर इस मुनाफे के लिए आप से बिना पूछे आपका शेयर बेच देते है इसलिए आप अपना ब्रोकर चुनते वक्त सावधानी रखे और अगर आप और आप के ब्रोकर में किसी बात पर लड़ाई है तो आप इस की शिकायत सेबी में कर सकते हैं|
कितनी फीस लगती है ?
- डी-मैट खाता खुलवाने वाले व्यक्ति से डीपी कई तरह के फीस वसूलता है। यह फीस कंपनी दर कंपनी अलग हो सकती है।
- अकाउंट ओपनिंग फीस – खात खुलवाने के लिए वसूला जाने वाला फीस। कुछ कंपनियां जैसे ICICI, HDFC, UIT आदि यह फीस नहीं लेती है। जबकि कुछ SBI और कार्वी कंसलटेंट्स आदि इसे वसूलती हैं। वैसे कुछ कंपनियां इसे रिफंडेबल (खाता बंद कराने पर लौटा देती हैं) भी रखती हैं।
- एनुअल मेंटेनेंस फीस – सालाना फीस जिसे फोलियो मेंटेनेंस चार्ज भी कहते हैं। आमतौर पर कंपनी यह फीस साल के शुरुआत में ही ले लेती है।
- कसटोडियन फीस – कंपनी इसे हर महीने ले सकती है या फिर एक बारी में ही। यह फीस आपके शेयरों की संख्या पर निर्भर करता है।
- ट्रांजेक्शन फीस – डीपी चाहे तो इसे हर ट्रांजेक्शन पर चार्ज कर सकता है या फिर चाहे तो ट्रेडिंग की राशि पर (न्यूनतम फीस तय कर)।
- इनके अलावा कंपनी री-मैट, डी-मैट, प्लेज चार्जेज, फील्ड इंस्ट्रक्शन चार्जेज आदि भी वसूल सकती हैं
क्या एक Demat अकाउंट बंद कर किसी और ब्रोकर के पास नया डीमैट अकाउंट अकाउंट खुलवा सकते है?
इसका उत्तर हां| यह किया जा सकता है अगर आप को लगता है आप का ब्रोकर आप से ज्यादा चार्ज ले रहा है तो आप उस के पास अपना अकाउंट बंद कर नया अकाउंट खुलवा सकते है या आप का ट्रांसफर कहीं हो गया है जहां आप का ब्रोकर आप को अपनी सुविधा नहीं दे पा रहा तब भी आप ऐसा कर सकते है,
क्या Demat account किसी और के नाम कर सकते है ?
नहीं, आप एक डीमैट अकाउंट किसी और के नाम नहीं कर सकते है पर आप उसमें के शेयर किसी और व्यक्ति को दे सकते है या उस के अकाउंट में ट्रान्सफर कर सकते है पर इस के लिए उस व्यक्ति का डीमैट अकाउंट होना जरुरी है|क्या आप का जॉइंट डीमैट अकाउंट खोला जा सकता है ?
शेयर कितने प्रकार के होते है ?
- कॉमन शेयर – इन्हें कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है| राइट्स इशू या शेयर -यह उन लोगो के लिए होता है जिन के पास उस कंपनी के शेयर पहले से है, मान लें किसी कंपनी के शेयर का भाव इस वक़्त 50 रूपये है पर जिन लोगो के पास कंपनी के शेयर पहले से है वो लोग अपने हर एक शेयर के बदले एक शेयर ख़रीद सकते हैं वह भी 45 रुपये में तो इन शेयर को राइट्स इशू या शेयर कहेंगे|
- बोनोस शेयर– मान लें किसी कंपनी ने इस साल अच्छा मुनाफा कमाया तो वह उस मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयर धारको में बाँटना चाहती है, पर वह उन्हें उस के बदले पैसा नहीं देना चाहती तो वह उतने पैसे के कुछ और शेयर उस आदमी को दे देगी| कई बार कंपनी यह शेयर धारको पर छोड़ देती है या तो वह पैसा ले ले या शेयर। अगर आप ने पैसा लिया है तो उस बोनोस या डिविडेंड कहा जायेगा|
- प्रिफर्ड शेयर– यह वह शेयर होता है जो कंपनी कुछ खास लोगो के लिए लाती है ,मान ले कोई कंपनी को पैसे की जरुरत है और वह मार्किट से कुछ पैसा जुटाना चाहती है तो वह जो शेयर जारी करेगी वह उन्हें खरीदने का पहला अधिकार कुछ खास लोगो को देंगे ,यह मान लें कि यहां वह लोग उस कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी है ,तो केवल उस कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी ही इन शेयर को खरीद सकते है, यह बहुत ज्यादा सुरक्षित शेयर होते है अगर कंपनी डूब भी जाये तब भी उन्हें इन शेयर धारको को उनका पैसा लौटना पड़ेगा ,चाहे इस के लिए कंपनी को अपनी ज़मीन ,मशीन ,बिल्डिंग ही क्यों न बेचनी पड़े ,पर दूसरे शेयर में ऐसा नहीं होता|
तो आशा करता हूँ दोस्तों आपको Demat account के बारे में दी गयी जानकारी अवश्य अच्छी लगी होगी. साथ ही साथ आपको यह भी समझ में आ गया गया होगा कि Demat account kya hai.