Draupadi Murmu Biography in Hindi: 18 जुलाई को देश के सर्वोच्च पद के लिए होने वाले चुनाव में आदिवासी समुदाय से सम्बन्ध रखने वाली द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी द्वारा राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। ज्ञात रहे 14वे राष्ट्रपति के रूप में पदभार सँभालने वाले श्री राम नाथ कोविंद जी का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है।
भारत के उड़ीसा राज्य में जन्मी द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से सम्बन्ध रखती है, और वह भारत की पहली महिला आदिवासी के रूप में इस पदभार को ग्रहण करेंगी।
आजकल हर कोई द्रोपदी मुर्मू के बारे में जानना चाहता है। आज इस लेख में हम जानने वाले वाले है द्रोपदी मुर्मू के बारे में, जानते उनकी जीवनी और राष्ट्र्पादी पद तक के सफ़र का संघर्ष तक की पूरी कहानी।
द्रौपदी मुर्मू का संक्षिप्त जीवन परिचय : Draupadi Murmu Biography in Hindi
नाम: | द्रौपदी मुर्मू |
जन्म तिथि: | 20 जून 1958 |
पिता का नाम: | बिरंचि नारायण टुडु |
माता का नाम: | किनगो टुडू |
पति का नाम: | स्व. श्याम चरण मुर्मू |
जन्म स्थान: | मयूरभंज, ओड़िशा, भारत |
उम्र: | 64 वर्ष [2022 के अनुसार] |
धर्म: | हिन्दू |
जाति: | अनुसूचित जनजाति |
राशि: | मीन राशि |
पेशा: | राजनीति |
पार्टी: | भारतीय जनता पार्टी [बीजेपी] |
द्रौपदी मुर्मू का शैक्षिक जीवन परिचय: Draupadi Murmu Personal Life
प्रारंभिक शिक्षा | अज्ञात |
कॉलेज | रमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर, ओडिशा |
शिक्षा | कला स्नातक |
द्रौपदी मुर्मू का प्रारंभिक जीवन परिचय:
20 जून 1958 को उड़ीसा राज्य के मयुरभंज जिले के बैदापोसी गाँव के एक आदिवासी परिवार में द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था। इनके पिता जी नाम बिरंचि नारायण टुडु और माता का नाम किनगो टुडू था। द्रौपदी मुर्मू के पिता और दादा दोनों की ग्राम प्रधान रहे।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल से शुरू हुई, यह शुरू से पढने में मेधावी थी। पढाई लिखाई के प्रति इनकी रूचि को देखकर इनके पिता ने आगे की पढाई के लिए भुवनेश्वर भेज दिया। जहाँ इन्होने रमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर, ओडिशा से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
पढाई पूरी करने के बाद 1983 में ओडिशा सरकार के अंतर्गत सिंचाई विभाग में बतौर जूनियर लिपिक कार्य करना शुरू किया। जिसके बाद सन 1994 में बतौर शिक्षक अरबिंदो इंटीग्रल सेण्टर राइरांगपुर ओड़िसा में बच्चों को शिक्षा देने का कार्य शुरू किया।
द्रौपदी मुर्मू का पारिवारिक जीवन परिचय:
इसी दौरान द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिनसे उनको तीन संताने दो पुत्र और एक पुत्री के रूप में प्राप्त हुई। इनके दोनों बेटों का एक एक्सीडेंट में निधन हो गया और इसके बाद उनके पति श्याम चरण मुर्मू भी पञ्च तत्व में विलीन हो गए। अब उनकी सिर्फ एक बेटी है जिनका नाम इतिश्री मुर्मू है।
द्रौपदी मुर्मू का वैवाहिक जीवन भी बहुत ही कष्ट में बीता, पति और बेटों के ना रहने के बाद भी उनकी दृढ इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने के जज्बे ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी, और जीवन पथ में आगे बढ़ने को सदा प्रेरित रही।
द्रौपदी मुर्मू राजनैतिक जीवन परिचय:
- अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी के साथ की। सन 1997 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की तरफ से रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में नामांकन किया और जीत हासिल की।
- इसके बाद पार्टी ने इनकी सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए इन्हें पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया।
- भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार के दौरान आप सन 2000 से 2002 तक कॉमर्स व ट्रांसपोर्ट की स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं।
- इसके बाद साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया।
- इसके बाद साल में 2004 ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विजय हासिल कर विधान सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
- साल 2015 में आपकी नियुक्ति झारखंड के राज्यपाल के रूप में हुई और साल 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वाहन किया।
- आप झारखंड की पहली महिला गवर्नर के रूप में भी जानी जाती है।
- इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू की पहचान स्वतंत्र भारत की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल के रूप में भी जानी जाती है।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का सफ़र:
जीवन में कोई भी उपलब्धि बिना त्याग और परिश्रम के नहीं प्राप्त होती है। आरंभिक जीवन से लेकर वैवाहिक जीवन तक का सफ़र द्रौपदी मुर्मू के लिए बहुत ही उतार चढाव वाले रहे। साल 1997 में शुरू हुआ राजनैतिक जीवन 2022 में राष्ट्रपति जैसे पद तक पहुंचा देगा द्रौपदी मुर्मू ने शायद ही कभी इसकी कल्पना की हो।
लेकिन आज यह हकीकत में बदल चूका है। द्रौपदी मुर्मू की भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है और नामांकन के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक के रूप में उपस्थित रहे है।
आप देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में चुनी गयी है जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्ब्धि है।
इसके पूर्व तक देश के राष्ट्रपति के रूप में हर वर्ग के लोगों ने प्रतिनिधित्व किया है लेकिन आदिवासी के रूप में आप पहली महिला होगी जिन्हें इस पद के लिए चयनित किया गया है।
इन पार्टियों ने दिया है समर्थन:
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति के रूप में उम्मीदवार घोषित करने के बाद देश की तमाम राजनैतिक पार्टियों आपके समर्थन में सामने आये है जो निम्न प्रकार से है।
- ओडिशा की बीजू जनता दल पहले ही मुर्मू को समर्थन की घोषणा कर चुकी है।
- बिहार की राजनैतिक पार्टी LJP (रामविलास) भी मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर चुकी है।
- बिहार के ही एक और राजनैतिक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने भी द्रौपदी के समर्थन की घोषणा की है।
- मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन (MDA) ने भी समर्थन करने की घोषणा की है।
- सिक्किम के मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
- महाराष्ट्र की उद्धव शिव सेना ने भी द्रपादी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है।
द्रपादी मुर्मू के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य:
साल 2007 में ओडिशा विधान सभा ने सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला गवर्नर के रूप में भी जानी जाती है।
वे भारत के राज्य की पूर्णकालिक राज्यपाल बनने वाली पहली जनजातीय महिला भी हैं।
वे भारत की पहली आदिवासी महिला है जिन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन किया है।
यदि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाती है तो वे भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनेंगी।
इसके आलावा जीतने के बाद भारत का सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज होगा।
महत्वपूर्ण FAQS
20 जून 1958 को मयूरभंज, ओड़िशा, भारत
आदिवासी जनजाति
बिरंचि नारायण टुडु
किनगो टुडू
स्व. श्याम चरण मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति है।