कच्ची सब्जी खाने के फायदे : Benefits Of Eating Raw Vegetables In Hindi

कच्ची सब्जी खाने के फायदे: : अच्छी सेहत और निरोगी काया के लिए हर व्यक्ति परेशान रहता है लेकिन आज के इस भौतिकता वादी युग में नेचुरल जैसी चीजे सिर्फ टीवी विज्ञापन में ही दिखाई देती है। लेकिन फिर भी ऐसी बहुत से आहार हमारे आसपास मौजूद है जिनको सही तरीके से आहार में शामिल करने से हम बहुत सारे रोगों से छुटकारा पा सकते है।

आजकल लोग तेज मिर्च मसाले और जंक फ़ूड से दुरी बनाने लगे है और अच्छी सेहत के लिए अपने आहार में उबले भोजन को शामिल करने लगे है। लेकिन हम में से बहुत कम लोग ही जानते होंगे की कि कच्ची सब्जियों का सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदे मंद है। लेकिन यह कितना फायदेमंद है आज हम इस लेख में जानने वाले है।

सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है कच्ची सब्जियां?

एनसीबीआई वेबसाइट पर एक शोध के अनुसार कच्ची सब्जियों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व और बायोएक्टिव फाइटोकेमिकल्स मौजूद रहते है जो ह्रदय रोगों में बेहद फायदेमंद होते है।

सब्जियों को पकाने से भोजन का पोषण चला जाता है और फाइटो केमिकल्स विषैले केमेकल्स में बदल जाते है. इसके अलावा सब्जिओं को उबाल कर या पका भोजन बनाने से वो अपने बहुत सारे पोषक तत्वों को खो देते है। इसलिए अपने भोजन में कम से कम एक कच्ची सब्जी या फल को जरूर शामिल करे.

विशेषज्ञों के अनुसार कच्चे फल और सब्जियां भोजन को पचाने में सहायक होने के साथ साथ शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व भी उपलब्ध कराते है. गर आप भरपूर भोजन के साथ अच्छी सेहत का सपना पाले है तो, आप अपने भोजन में किसी कच्ची सब्जी या फल को जरूर शामिल करे. आइये जानते है कच्ची सब्जी खाने के कौन कौन से फायदे हो सकते है जिनसे हम अनजान है।

कच्ची सब्जी खाने के फायदे

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कच्ची सब्जी खाने के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार कच्ची सब्जियां और फलों में जितना पोषण मौजूद रहता है वह भुने और उबली सब्जियों में नहीं रह जाता है. कच्चे फल और सब्जियां रेशे से भरपूर होने के कारण शेष भोजन के लिए पाचन तंत्र में रास्ता साफ़ करते है.

उदाहरण के लिए आप Pizza खाने जा रहे है, तो उसके पूर्व सलाद खाए. यदि आप ice cream खाने जा रहे है तो उसके पूर्व एक सेब जरूर खाने की आदत डाले. यह प्रक्रिया गरिष्ठ भोजन को पचाने में बहुत ही सहायक होती है.

इससे इनमे मौजूद फाइबर (रेशे) पेट में जाकर फैज जाते है जिससे कम भोजन करने से ही पेट भरा हुआ महसूस होने लगता है और शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व अधिक से अधिक मात्र में हमें मिलते है.

फाइबर युक्त भोजन से लीवर मजबूत बनता है और पेट की जठरअग्नि भी मजबूत होती है. दिन में एक हर बार भोजन करने से पहले एक कच्चा फल या सब्जी शरीर को तंदरुस्त बनाने में सहायक होती है.

कच्ची सब्जियों और फलों में पाचक एन्जाईम मौजूद होते है जो शेष खाने को पचाने में सहायक होते है.

कच्ची सब्जियों और फलों में विटामिन और खनिज भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते है.

कच्ची सब्जियों और फल प्रकृति द्वारा पके हुए होते है और उनको पचाने में भी कम समय लगता है.

कच्ची सब्जियों में एंटी आक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है जो रक्तचाप की समस्या को दूर करते है.

कच्ची सब्जियां और फल के सेवन करने से कब्ज की समस्या नहीं रहती है.

कच्ची सब्जियां जैसे : चुकंदर, गाजर, मटर, मुली और उसके पत्ते, शलजम, गोभी, खीरा, लौकी, शकरकंद, कुंदरू, टमाटर और बंधागोभी इत्यादि का सेवन बड़े मजे से किया जा सकता है और कच्ची खाने में भी ये सब्जियां स्वादिस्ट है.

आहार में ये कच्ची सब्जियां शामिल करे:

टमाटर – टमाटर में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आमतौर पर टमाटर का प्रयोग सब्जी पकाने के साथ साथ सलाद में भी किया जाता है। टमाटर को पकाकर खाने से उसमे मौजूद विटामिन-सी की मात्रा जलकर कम हो जाती है। इसलिए सलाद में कच्चा टमाटर शामिल करे।

चुकंदर – चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बहुर्पूर पायी जाती है। यह सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। आप चुकंदर को अपने सलाद में जरुर शामिल करे। इसका नियमित सेवन उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की समस्या में लाभदायक है। चुकंदर एक कम कैलोरी वाली सब्जी है, इसमें मैंगनीज, मैग्नीशियम के साथ साथ आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो शरीर के विकास के लिए बहुत ही उपयोगी है।

पालक – पालक में फाइबर , आयरन , विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ए भरपूर मात्र में पाया जाता है। आमतौर पर पलक का प्रयोग दल, साग और सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल सलाद के रूप में करना बहुत सेहतमंद होता है। यह मांसपेशियों की ताकत बढाने के साथ साथ और हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। यह रक्तचाप में सुधार करने के साथ पाचन तंत्र को भी सुधरता है।

प्याज– पाचन तंत्र से सम्बंधित समस्याओं के लिए प्याज का सेवन करना लाभप्रद होता है। यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाकर पेट को स्वस्थ रखने में सहायक है। यह एंटी-एलर्जिक और एंटी-ऑक्सीडेंट होने के कारण कई तरह की एलर्जी के अलावा बहते हुए जुखाम और क्षींक में बेहद कारगर है।

गाजर – गाजर में बीटा-कैरोटीन, एस्कॉर्बिक एसिड, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्र में पाया जाता है। गाजर में मौजूद बीटा-कैरोटीन, विटामिन-ए की कमी को पूरा करता है और एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। गाजर हृदय रोग, मुंह का स्वास्थ, पाचन शक्ति, रक्तचाप , इम्यून सिस्टम के लिए बेहद उपयोगी है। गाजर का प्रयोग सलाद के रूप में करना लाभदायक होता है। आप चाहें तो शौखिया तौर पर भी गाजर को जब चाहे तब खा सकते है। बच्चो को इसके खाने की आदत जरुर डलवायें।

मूली – मूली एक प्रकार की गाजर की ही पप्रजाति से आती है जिसका स्वाद गाजर के एकदम उलट होता है। मुली ज्यदार्टर लोग कच्ची खाना ही पसंद करते है। यदि आप भी मुली खाने के शौखीन है तो यह जानकारी आपके लिए और भी ज्यादा जरुरी हो जाती है। मूली का उपयोग करने से पित्त की पथरी, पीलिया, लिवर से सम्बंधित रोग के साथ साथ पेट रोग में बेहद लाभदायक है। यह अपच की समस्या और गैस रोग में बहुत ही कारगर है।

इसके अलावा और भी बहुत सब्जियां जैसे पत्ता गोभी, शकरकंद, कुंदरू, खीरा, मटर, गोभी, शलजम, फ्रेंच बिन्स जिन्हें कच्चा खाया जा सकता है। हमें अपने आहार में एक टाइम कच्ची सब्जियों को शामिल करना चाहिए। एक बार में कम से कम 100 ग्राम कच्ची सब्जियों का सेवन करना चाहिए। आप स्वाद के लिए इनके साथ नमक निम्बू का इस्तेमाल कर सकते है।

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