भारत में इन्टरनेट कब आया पूरी जानकारी?

आजकल हम सभी लोग इन्टरनेट का स्तेमाल करते है। बल्कि यूँ कहें कि आज इन्टरनेट हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चूका है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन्टरनेट की शुरुआत कैसे हुई और भारत में इन्टरनेट कब आया। चलिए कोई बात नही आप इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हुए इस लेख पर यही जानने के लिए आये है कि भारत में सबसे पहले इन्टरनेट की शुरुआत कब हुई? तो चलिए सबसे पहले जानते है इन्टरनेट का अविष्कार किसने और कब किया?

इन्टरनेट का अविष्कार किसने किया?

दोस्तों इन्टरनेट की खोज तो सन 1962 में ही चालू हो गयी थी जब एम.आई.टी. के वैज्ञानिक J.C.R. Licklider और रोबर्ट टेलर ने एक “Galactic Network” बनाने का प्रस्ताव रखा। इसमें एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक जानकारी पहुचाने के लिए एक नेटवर्क को बनाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसपर कई वर्षों तक लगातार काम होने के बाद सन 1965 में वैज्ञानिकों ने एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर तक जानकारी भेजने का एक तरीका तैयार किया जिसे “Packet Switching” नाम दिया गया।

इस तकनीक की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग ARPA द्वारा की गई थी, जिसके कारण इसे सबसे पहले “ARPANET” का नाम दिया गया।  इस तकनीक में एक कंप्यूटर को दुसरे कंप्यूटर से जोड़ने के लिए Network Control Protocol का इस्तेमाल किया गया था।

आज हम जिस इन्टरनेट का प्रयोग करते है उसमे टीसीपी/ इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रोटोकॉल तकनीक की खोज सन 1974 में विंट सर्फ और बॉब काहन ने की थी। जिन्हें आज इन्टरनेट का जनक कहा जाता है।

भारत में इन्टरनेट कब आया?

भारत में इन्टरनेट की शुरुआत 14 अगस्त 1995 को हो गयी थी लेकिन सार्वजानिक रूप से इसे 15 अगस्त 1995 को “विदेश संचार निगम लिमिटेड” यानि VSNL द्वारा चालू किया गया था। तब इन्टरनेट का इस्तेमाल महत्वपूर्ण सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिए किया गया था और इसकी स्पीड मात्र 8-10 kbps थी।

जब भारत में इन्टरनेट की शुरुआत हुई थी तब इससे मात्र 20-30 कंप्यूटर ही जुड़े थे और इन्टरनेट कनेक्शन का खर्च भी बहुत ज्यादा था, और 9-10 kbps स्पीड के इन्टरनेट का मासिक खर्चा 500-600 रूपये के आसपास था, जो कि उस समय के हिसाब से बहुत ही ज्यादा था.

जब भारत में इन्टरनेट आया तब यह 1G तकनीक पर आधारित था जो 9-10 KBPS की इन्टरनेट स्पीड देता था। लेकिन धीरे धीरे तकनीक विकसित होती गयी और 1G से 2G, 3G, 4G से लेकर 5G तक इस्तेमाल भी देश में होने लगा है। हालाँकि अभी तक हमारे देश में 5G की सेवाएँ पूरी तरह से चालू नहीं हुई लेकिन जल्द ही यह भारत के कोने कोने में पहुँच जायेगा।

आज के समय में इन्टरनेट प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में पहुँच चूका है और पढाई से लेकर व्यापार, चिकित्सा, तकनीक, सरकारी कार्यों इत्यादि तक में इन्टरनेट का प्रयोग होने लगा है.

एक समय था जब इन्टरनेट को चलाने के लिए कंप्यूटर और वायर इन्टरनेट कनेक्शन की आवश्यकता पड़ती थी लेकिन तकनीक आज इतनी ज्यादा विकसित हो चुकी है कि आज हम इन्टरनेट को अपने मोबाइल से लेकर LCD TV तक में बिना किसी वायर या WIFI की मदद से चला सकते है।

इन्टरनेट कई प्रकार का होता है। यह जानने के लिए पढ़ें इन्टरनेट कितने प्रकार का होता है?

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कुलदीप मनोहर Kyahai.net हिंदी ब्लॉग के Founder हैं. मै एक Professional Blogger हूँ और SEO, Technology, Internet से जुड़े विषयों में रुचि रखता हूँ. अगर आपको ब्लॉगिंग या Internet जुड़ी कुछ जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है. हमारा यह मकसद है के इस ब्लॉग पे आपको अच्छी से अच्छी जानकारी मिले.

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