सरोगेसी क्या है: Surrogacy को लेकर पूरे में आये दिन मीडिया में चर्चा होती रहती है। कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी अभिनेता और अभिनेत्रियों को सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बनने का मौका मिला है। आपने शायद पहले भी सरोगेसी (Surrogacy Meaning In Hindi) के बारे में सुना होगा। शायद ही कोई होगा जिसे Surrogacy शब्द से वाकिफ न हो। क्योंकि यह शब्द आजकल काफी चर्चे में है।
सरोगेसी का नाम सुनते ही आपके दिमाग में बहुत से सवाल उठते होंगे जैसे की Surrogacy क्या होता है, सरोगेसी कैसे कराया जाता है, Surrogacy क्यों होता है? आदि। आज मैं इस पोस्ट में आपको सरोगेसी (Surrogacy) के बारे में पूरे विस्तार से बताऊंगा जिससे आपके मन के सारे Doubts Clear हो जाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं।
सरोगेसी क्या है? (What is Surrogacy in Hindi)
एक महिला के गर्भ में दूसरे दंपति के बच्चे को रखने की प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है। यह एक ऐसा तरीका है जिसमें बच्चे की मां खुद प्रेगनेंट न होकर किराए की कोख का इस्तेमाल करती है। और उन्हें माता-पिता बनने का सुख मिल सकता है।
अगर बात करें सरोगेसी का हिंदी मतलब क्या है तो सरोगेसी को हिंदी में ‘किराए की कोख‘ कहा जाता है। इस तकनीक के अनुसार एक स्वस्थ महिला के शरीर में पुरूष के sperm को Inject किया जाता है और दूसरी महिला In Vitro fertilization यानी IVF treatment के जरिए प्रेगनेंट होती है और बच्चे को जन्म देती है।
इस पूरी प्रक्रिया में Lab में Egg और Sperm को मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है और फिर उसे Surrogate mother के गर्भ में डाल दिया जाता है जहां से Pregnancy शुरू होती है। इस technology में गर्भधारण करने वाली महिला का डॉक्टर्स द्वारा पूरे 9 महीने तक देखभाल किया जाता है। जिससे वे एक स्वस्थ बच्चे का जन्म दे सके। इस प्रक्रिया के 9 महीने पूरे होने के बाद एक स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है।
सरोगेसी की आवश्यकता क्यों है?
सरोगेसी कई प्रयासों के बाद बच्चा पैदा करने का सबसे अच्छा तरीका है। हालाँकि, इसके कई कारण हो सकते हैं जिससे सरोगेसी की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरण के लिए:
- Infertility या बांझपन की समस्या
- समय से पहले रजोनिवृत्ति
- असामान्यताओं या सर्जरी के कारण Uterus का बहिष्करण
- अगर शारीरिक बनावट से जुड़ी कोई दिक्कत हो
- अगर Age अधिक है
- पहली pregnancy में कोई दिक्कत हुई हो।
- अगर Surrogacy आपकी personal choice हो।
सरोगेट मदर क्या होती है?
एक सरोगेट मदर वह है जो अपने गर्भ के अंदर दूसरे के बच्चे को जन्म देती है। वह IVF जैसी चिकित्सा तकनीकों के माध्यम से गर्भवती हो जाती है। जब तक बच्चा पैदा न हो जाए, वह उसका पालन-पोषण करती है। बच्चे के जन्म के बाद, बच्चे को एक पूर्व-गर्भित युगल को सौंप दिया जाता है।
सरोगेट मां को इस प्रक्रिया में कोई फीस, पैसा, मानदेय या किसी अन्य प्रकार की सहायता नहीं मिलती है। हालांकि, चिकित्सा खर्चों का भुगतान करना होगा। साथ ही, सरोगेट मदर को बीमा प्रदान करना आवश्यक है।
Surrogacy कितने प्रकार का होता है?
Surrogacy दो प्रकार का होता है: पहला ट्रेडिशनल सरोगेसी और दूसरा जेस्टेशनल सरोगेसी.
ट्रेडिशनल सरोगेसी (Traditional Surrogacy in Hindi):
यह एक प्रकार की पारंपरिक सरोगेसी है जिसका उपयोग काफी लम्बे समय से किया जा रहा है। इस तरह की सरोगेसी में बच्चे का जन्म पिता के शुक्राणु के अंडाशय और सरोगेट मां से होता है। पारंपरिक गर्भधारण में, पिता के शुक्राणु को सरोगेट मां के अंडे के साथ मिलाया जाता है। इस प्रक्रिया में जन्म लेने वाले बच्चे में केवल पिता के वंशानुगत प्रभाव को देखा जा सकता है।
जेस्टेशनल सरोगेसी (Gestational Surrogacy in Hindi):
इस तरह की सरोगेसी को IVF Surrogacy भी कहा जाता है। जिसके जरिए पति और पत्नी दोनों के शुक्राणु और अंडे को मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है, और इसे सरोगेट मां के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस तरह से पैदा हुए बच्चे में वंशानुगत प्रभाव मां और पिता दोनों का देखा जाता है।
सरोगेसी के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम
- सरोगेट मदर से बच्चे पैदा करने की इच्छा रखने वाले दंपति को भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- एक या दोनों Couples को Infertility की समस्या होनी चाहिए।
- सरोगेसी का इस्तेमाल किसी भी तरह के व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- किसी ऐसे व्यक्ति का करीबी रिश्तेदार जिसे बच्चे की जरूरत है, उसे सरोगेट मां बनने के लिए सहमत होना होगा। किसी और के पास अवसर नहीं है।
- कोई भी महिला अपने जीवनकाल में केवल एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है। एक से अधिक नहीं हो सकते।
- बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखने वाले दंपति की उम्र 23 से 50 साल के बीच होनी चाहिए।
- जिन जोड़ों के पास सरोगेट मदर के बच्चे हैं, उनके पहले या गोद लिए हुए बच्चों का कोई बच्चा नहीं हो। हालाँकि, बच्चे को सरोगेट मदर द्वारा तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब खुद का बच्चा मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हो या उसे जानलेवा बीमारी हो या कोई घातक बीमारी हो।
- सरोगेट मदर के जरिए बच्चा पैदा करने वाला दंपति किसी भी परिस्थिति में उस बच्चे को नहीं छोड़ सकता।
- किराए के उद्देश्य से बच्चों की बिक्री, वेश्यावृत्ति या किसी अन्य प्रकार के शोषण का कोई प्रावधान नहीं है।
सरोगेसी अपराध और दंड
सरोगेट मदर का शोषण, मानव भ्रूण की बिक्री या भ्रूण के आयात को बंद करना दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम के लिए, आपको न्यूनतम 10 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है। गुंडागर्दी के किसी अन्य प्रावधान का उल्लंघन करने पर कम से कम 5 साल की कैद हो सकती है। साथ ही, 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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निष्कर्ष:
आज मैंने इस पोस्ट में बताया कि Surrogacy kya hai, Surrogacy की आवश्यकता क्यों है? सरोगेसी कितने प्रकार के होते हैं? अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया तो इसे Social media पर Share करना ना भूलें। और अगर आपको इस पोस्ट या फिर इस लेख को लेकर कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कॉमेंट करके बताएं।
जय हिन्द जय भारत