SEO क्या है: किसी भी वेबसाइट के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है Organic Traffic और organic traffic का सबसे बड़ा सोर्स है search engine और सर्च engine में किसी भी website ko rank कराने में जो सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है वो है SEO.
बहुत से लोग जो अपना blog या website बनाते है लेकिन उन्हें SEO के बारे में प्रॉपर इनफार्मेशन नहीं होती है, कि आखिर SEO Kya होता है और SEO कैसे करते है. कई लोग तो सिर्फ backlink बनाने को ही एसइओ मानते है जो एक आधी अधूरी जानकारी है.
जब तक हमें SEO क्या है इसके बारे में पूरा नॉलेज नहीं होता है तब तक हम सिर्फ आधी अधूरी SEO strategy के साथ ही काम करते रहते है और हमें अपने मनमाफिक रिजल्ट नहीं मिलता है, तो हम निराश हो जाते है.
क्या आप जानते है एक दिन में कितने ब्लॉग इन्टरनेट पर पब्लिश होते है? नहीं तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि प्रतिदिन 20 लाख से ज्यादा ब्लॉग सिर्फ और सिर्फ wordpress पर ही पब्लिश होते है, और अगर अन्य blogging platform की बात की जाये तो इस संख्या का अनुमान लगाना भी बहुत मुश्किल है.
अगर सिर्फ एक आर्टिकल की बात की जाये तो सिर्फ एक आर्टिकल पर ही लाखों की संख्या में ब्लॉग लिखे जाते है, जिनमे से मात्र कुछ ही ब्लॉग google search में आते है, जो एक दिन में एक आर्टिकल पर पब्लिश किये गए कुल ब्लॉगस का 0.0005% ही है.
कहने का मतलब 99.99% ब्लॉग google के top 100 hundred blogs list में भी नहीं आते है. और इसका सबसे बड़ा एक मात्र कारण है एसइओ.
अगर आप blogging me career बनाना चाहते है तो आपको इस टॉपिक को बहुत ही गंभीरता से पढना होगा, क्यूंकि अगर आप SEO का full knowledge नहीं रखते है तो आप इस लाइन में survive नहीं कर सकते है.
आज हम इस Hindi blog में जानेंगे SEO किसे कहते है? What is SEO in Hindi और SEO कैसे करते है? तो सबसे पहले पहले हम जानेगे SEO का full form क्या है फिर शुरुआत करेंगे Seo Tutorial In Hindi.
SEO Full FORM और SEO MEANING IN HINDI
SEO का Full FORM– “Search Engine Optimization” होता है. जिसका हिंदी मीनिंग “किसी भी इन्टरनेट सामग्री को खोज इंजन के अनुकूल बनाना होता है“.
SEO क्या है – What is SEO in hindi ?
SEO Definition in Hindi: यह एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से हम किसी भी आर्टिकल या वेबसाइट को सर्च इंजन में higher rank के लिए ऑप्टिमाइज़ करते है. मतलब इस तकनीक के माध्यम से हम किसी भी ब्लॉग पोस्ट को सर्च इंजन के अल्गोरिथम के अनुकूल बनाते है, जिससे हमारे द्वारा लिखा गया कोई भी ब्लॉग या वेबसाइट सर्च इंजन में टॉप पर ट्रेंड करती है.
What is SEO in Hindi दूसरे शब्दों में
SEO किसे कहते है: Search Engine Optimization एक अभ्यास है जिसके माध्यम से हम किसी भी वेबसाइट के traffic की quality और quantity दोनों को बढ़ा सकते है. इसे अभ्यास कहने से मतलब यह है कि यह कोई ऐसी चीज नहीं जिसे आप ने एक बार किया और हो गया. किसी भी वेबसाइट को GOOGLE SEARCH ME HIGHER RANK कराने के लिए इसका नियमित अभ्यास करना होता है.
और यह तो हम सभी लोग जानते ही है कि सर्च इंजन में जो वेबसाइट 1st position पर ट्रेंड करती है वह कुल सर्च का 50% ट्रैफिक अपने वेबसाइट पर attract करती है. जो किसी भी वेबसाइट को पोपुलर बनाने के लिए काफी है.
यह सर्च इंजन Google, Yahoo या फिर Bing हो सकता है. भारत और विश्व को बात की जाए तो जब हम इन्टरनेट सर्च इंजन की बात करते है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले गूगल का ही नाम आता है, क्यूंकि यह सर्च इंजन पुरे विश्व में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.
इसलिए सभी SEO EXPERT अपने ब्लॉग का एसइओ google algorithm के अनुसार ही करते है. आगे हम इन अल्गोरिथम फैक्टर्स की बात करेंगे जिनको ऑप्टिमाइज़ करके हम अपने ब्लॉग को गूगल के फर्स्ट पेज पर कैसे लाये ये जानेंगे. अभी सबसे पहले जानेगे SEO Kaise काम करता है? HOW SEO WORKS IN HINDI?
SEO कैसे काम करता है? How SEO WORKS IN HINDI
एसइओ कैसे काम करता है यह जानना बेहद जरुरी है क्यूंकि जब तक हमें इस बात की जानकारी नहीं होगी, तब तक हम प्रॉपर तरीके से Seo क्या है समझ नहीं पाएंगे. SEO kaise kaam karta है ये जानने के लिए हमें सबसे पहले समझना होगा search engine कैसे काम काम करता है. फिर हम जानेगें SEO कैसे काम करता है?
Search Engine कैसे काम करता है?
दोस्तों search engine कैसे काम करता है ये समझने के लिए हमें पहले सर्च इंजन का बेसिक समझना होगा. तो सबसे पहले समझते है…
Search engine क्या है? हम सभी लोग जानते है कि सर्च इंजन एक खोज मशीन है. लेकिन जब हम SEO के फैक्टर से बात करेंगे तो हम जानेंगे कि सर्च इंजन एक answer machine है जो किसी भी यूजर द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब इन्टरनेट पर मौजूद वेबसाइट के माध्यम से हमें रिजल्ट के रूप में दिखलाता है.
सर्च इंजन के तीन प्राथमिक कार्य होते हैं:
Crawl: प्रत्येक सर्च इंजन का अपना एक bot होता है जो खोजे गए प्रश्न के उत्तर के लिए इन्टरनेट पर मौजूद खोज से सम्बंधित जानकारी वाले पेजों को क्रॉल करता है. जिसके बाद index की प्रक्रिया होती है.
Index: क्रॉलिंग प्रक्रिया के दौरान मिली सामग्री को संग्रहीत और व्यवस्थित करता है. जिसके बाद पेज को क्रमवार तरीके से प्रस्तुत करनी प्रक्रिया चालू हो जाती है.
Rank: इसके बाद सबसे सटीक और सही जानकारी वाले पेजों को क्रमवार तरीके से दिखाता है. रैंक का निर्धारण अल्गोरिथम के आधार पर होता है.
उदहारण के लिए जब हम किसी भी चीज को गूगल अथवा किसी भी सर्च इंजन में खोजते है, तो सर्च इंजन का bot उस जानकारी से सम्बंधित इन्टरनेट पर मौजूद सभी वेब पेज को क्रॉल करता है, फिर उन्हें व्यस्थित करता है और उनमे से सबसे सटीक और सही जानकारी वाले पेजों को क्रमवार तरीके से दिखता है.
इन पेजों की रैंकिंग के लिए बहुत सारे फैक्टर्स उत्तरदायी होते है, जिन्हें हम अल्गोरिथम के नाम से जानते है. प्रत्येक सर्च इंजन का अपना एक अलग अल्गोरिथम होता है लेकिन कुछ ऐसे बेसिक फैक्टर्स होते है जो प्रत्येक सर्च इंजन का एक जैसा ही होता है.
जो वेबसाइट इन अल्गोरिथम के जितने ज्यादा अनुकूल होती है वह वेबसाइट या पेज सर्च इंजन में उतनी ऊपर रैंक करती है. ये फैक्टर्स कौन कौन से है इसके बारे संक्षेप में जानेंगे. पहले हम keyword in seo in Hindi के बारे में जानेगे फिर Ranking factors के बारे में जानेंगे.
What is keyword in seo in hindi:
दोस्तों हम जब कोई चीज गूगल में सर्च करते है तो SEO की भाषा में उसे KEYWORD कहा जाता है. उदाहरण के लिए जैसे किसी ने गूगल में सर्च किया “SEO क्या है” तो यहाँ पर SEO क्या है आम आदमी के लिए एक प्रश्न है वही यह SEO की भाषा में KEYWORD है.
हमेशा long tail keyword का इस्तेमाल करना चाहिए चाहिए क्यूंकि लोग सर्च करने के दौरान सिर्फ शार्ट टर्म कीवर्ड का इस्तेमाल करते है ग्रामर का इस्तेमाल नहीं करते है इसलिए एक कीवर्ड में ज्यादा से ज्यादा कीवर्ड प्रयोग करने चाहिए. और कीवर्ड हमेशा ऐसा लेना चाहिए जो आपके कंटेंट को परिभाषित भी करता हो.
Top 10 Google Algorithm factors to Rank Higher in Search Engine (Hindi 2020)
किसी भी वेबसाइट को top में trend कराने के बहुत से फैक्टर्स होते है लेकिन जो बेसिक फैक्टर्स किसी भी वेबसाइट के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते है वो मैं अपको यहाँ बताने जा रहा हूँ. ये factors किसी भी वेबसाइट के SEO के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते है. आइये जानते है BASIC SEO FACTOR IN HINDI.
Content: किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उसका कंटेंट होता है. कंटेंट की जानकारी पूरी और व्यापक गहराई लिए होनी चाहिए और लिखने का तरीका भी सरल व आकर्षक होना चाहिए. Quality Content लिखे और Content Length कम से कम 1000 शब्दों में होनी चाहिए.
Freshness: जो भी लिखें समयानुकूल लिखे, पुरानी जानकारी को अपडेट करते रहे. क्यूंकि समय के साथ सभी चीजों में बदलाव होता रहता है. इसलिए अपने ब्लॉग या आर्टिकल में नवीनता बनाये रखें और ब्लोग्स को नियमित अपडेट रखने की कोशिश करे.
Backlink: बैकलिंक किसी भी वेबसाइट की रीढ़ की हड्डी की तरह होते है. क्वालिटी और relevant backlink सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते है. Relevant का मतलब मिलता जुलता होता है. इसलिए अपनी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट से बैकलिंक बनाने का प्रयास करे. Backlink Kya hai ये यहाँ से पढ़ें.
Mobile First: मोबाइल के माध्यम से आजकल इन्टरनेट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है. इसलिए आपकी वेबसाइट mobile friendly होनी चाहिए. ताकि यूजर को वेबसाइट के interface से किसी भी तरह का प्रॉब्लम न आये. यह रैंकिंग के प्रमुख फैक्टर में से एक है.
Page Speed: यदि आपके आपका website loading time ज्यादा है, तो कोई भी यूजर आपकी वेबसाइट से exit कर जायेगा और आपका बाउंस रेट भी बढेगा जो कि किसी भी वेबसाइट के लिए एक नेगेटिव पॉइंट होता है. इसलिए page speed अच्छी होनी चाहिए. और पेज लोडिंग टाइम कम से कम 3 सेकंड का होना चाहिए.
Schema code: यह Local SEO के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. LOCAL SEO KYA HAI ये हम नीचे Types of seo in hindi में जानेंगे. अगर आप सोच रहे है How to rank Higher in Google तो यह एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. स्कीमा मार्कअप कोड खोज इंजनों को विशेष रूप से स्थानीय व्यवसायों के Phone number, address, इत्यादि को समझने में और आसान बनाता है.
Social Signals किसी भी वेबसाइट की reputation को बढाने में बहुत ही सहायक होती है और इससे आपकी वेबसाइट की पहुँच भी बढती है. Facebook, twitter, Pinterest इस्त्यादी पर सक्रीय रहे और और अपने प्रोडक्ट्स या कंटेंट को लोगों के शेयर करते रहे.
Domain Power: यहाँ डोमेन पॉवर से मतलब Domain authority के साथ साथ Domain niche से भी है. ऐसा डोमेन चुने जो आपके उत्पाद या ब्लॉग से सम्बंधित हो. उदहारण के लिए मान लिए आप कोई ब्लॉग Insurance पर बनाना चाहते है, तो आपको डोमेन भी उसी से सम्बंधित कीवर्ड का लेना चाहिए. यह एक प्लस पॉइंट की तरह काम करता है.
HTTPS: Google वेबमास्टर सेंट्रल ब्लॉग के अनुसार HTTPS आधिकारिक रैंकिंग कारको में से एक है. इसलिए अणि वेबसाइट पर SSL का प्रयोग जरुर करे. यह यूजर पर एक प्रभाव भी छोड़ता है और अल्गोरिथम नियमों के अनुकूल भी है.
User Experience का मतलब बहुत ही स्पष्ट है. जब आप किसी वेबसाइट पर विजिट करते है तो ओवर आल आपका अनुभव कैसा रहा यह बहुत ही मायने रखता है. यदि वेबसाइट आपके मन के मुताबिक या आपकी सहूलियत के हिसाब से नहीं है तो आप दोबारा उस साईट पर विजिट नहीं करना चाहेंगे. ऐसे ही बहुत सी चीजे होती जो यूजर एक्सपीरियंस पर निर्भर करती है.
ये तो हुए Top 10 Google Algorithm factors to Rank Higher in Search Engine. अब जानते है Types of seo in hindi.
Types of seo in hindi : SEO कितने प्रकार का होता है ?
अभी तक आप लोगों ने जाना कि SEO क्या है और कैसे काम करता है? अब बात करते है Types of SEO in Hindi यानि कि एसइओ कितने प्रकार का होता है.
अगर TYPES OF SEO IN HINDI की बात करे तो SEO कई प्रकार का होता है. अब आप सोच रहें होंगे की आपने अभी तक On page और Offpage SEO के बारे में ही पढ़ा या सुना है, तो फिर मैं कई प्रकार के एसइओ की बात कैसे कहा रहा हूँ.
दोस्तों इन्टरनेट के बिज़नस module को देखते हुए आज SEO बहुत ही ज्यादा विस्तृत हो चूका है. जहाँ On page और Offpage तो बेसिक SEO Category के अंतर्गत आते ही है, वहीँ LOCAL SEO और VOICE SEARCH SEO भी आज की मार्किट में बहुत ही ज्यादा competitive हो रहे है.
अज यहाँ हम 4 TYPES OF SEO के बारे में जानेगे. तो सबसे पहले जानते है
ON PAGE SEO IN HINDI : ऑन पेज एसइओ
On page SEO TECHNIQUE किसी भी वेबसाइट के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. इस तकनीक द्वारा हम अपनी वेबसाइट या ब्लॉग के content और keywords को optimize करते है, और सर्च इंजन को यह बताते है कि यूजर द्वारा खोजे गए प्रश्नों के जवाब का उत्तर यहाँ दिया गया है. इसे सीधे शब्दों में कहें तो, ऑन-पेज एसईओ आपकी साइट पर आपके द्वारा किए गए परिवर्तनों को संदर्भित करता है जो इसके प्रदर्शन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
on page seo में हम अपने ब्लॉग को Search के अनुकूल बनाते है और उन सभी फैक्टर्स का पालन करते है जो किसी भी सर्च इंजन की प्राथमिकता होते है. ऊपर मैंने आपको Top 10 Google Algorithm factors to Rank Higher in Search Engine के बारे में बताया था.
जिसमे से कई फैक्टर तो ऑन पेज एसइओ में ही आ जाते है जैसे- Content, page speed, user experience, Mobile First और SSL आदि. इसके अलावा और भी फैक्टर्स होते है जो ऑन-पेज एसईओ के अंतरगत आते है उन्हें हम ON PAGE SEO KAISE KARTE HAI में जानेगे.
ON PAGE SEO KAISE KARTE HAI : ऑन-पेज एसईओ कैसे करते है?
जैसा की अभी हमने जाना कि ON PAGE SEO KYA HOTA HAI? और बात आती है ON PAGE SEO करने की तो, हमें सबसे पहले उन सभी फैक्टर्स के बारे में जानना होगा होगा जो ऑन-पेज एसईओ के लिए उत्तरदायी होते है और वो फैक्टर्स है- TITLE TAG, POST URL, INTERNAL LINKING, ALT TAG, CONTENT HEADING, CONTENT और KEYWORDS.
Content, page speed, user experience, Mobile First और SSL के बारे में आपको Top 10 Google Algorithm factors में पहले ही बता चूका हूँ, इसलिए उन्हें यहाँ फिर से बताना प्रासंगिग नहीं होगा. अब जानते है बाकि ON PAGE FACTORS के बारे में.
CONTENT HEADING: हम जब भी कोई आर्टिकल लिखते है तो सबसे पहले जिस चीज का प्रयोग होता है वह है CONTENT HEADING. हैडिंग ऐसी होनी चाहिए जो यूजर को अक्षित करे और आपके चुने हुए KEYWORDS के अनुरूप हो.
POST URL: फिर आता है यूआरएल. यूआरएल SEO FRIENDLY होना चाहिए और आपके KEYWORDS और CONTENT HEADING का समावेश होना चाहिए. जिससे SEARCH ENGINE भी आपके पेज को जल्दी समझ सके.
CONTENT पूरी तरह से UNIQUE होना चाहिए और किसी का भी कॉपी पेस्ट नहीं चाहिए. पूरी जानकारी को सरल भाषा में लिखनी चाहिए जिससे यूजर को समझने में आसानी हो सके, और कंटेंट ऐसा होना चाहिए जिसे लोग सोशल मीडिया पर शेयर करे. ज्सिअसे अको सोशल सिग्नल भी मिल सके.
KEYWORDS: यह SEO का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और किसी भी सर्च इंजन को आकर्षित करने का अनुकूल तरीका है. इसे हम पुरे कंटेंट का निचोड़ कह सकते है. कहने का तात्पर्य एक keyword ही ऐसी चीज है जो पुरे आर्टिकल की मेहनत को सफल बनाता है.
अपने KEYWORDS को सर्च इंजन के अनुकूल बनाये और आर्टिकल में कीवर्ड का संतुलित अनुपात में प्रयोग करे. बहुत अधिक या बहुत कम KEYWORD OPTIMIZATION से बचे. कंटेंट को ऐसे लिखे की प्रयोग किया गया शब्द आर्टिकल के अनुरूप ही लगे जैसे. मैं यहाँ आपको SEO KYA HAI की जानकारी दे रहा हूँ.
INTERNAL LINKING ऑन-पेज एसईओ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इससे हम अपने कीवर्ड को ऑप्टिमाइज़ करते ही है और अन्य पेज को लिंक कर उन्हें हाईलाइट भी करते है. INTERNAL LINKING में उन पेज को लिंक करना बहुत ही कारगर होता है, जो हमारे द्वारा लिखे गए कंटेंट को और भी ज्यादा परिभाषित करता है.
ALT TAG का प्रयोग हम कंटेंट की इमेज में करते है. ALT TAG के माध्यम से हम किसी भी इमेज को परिभाषित करते है और सर्च इंजन को यह बताते है कि उपरोक्त इमेज किस सन्दर्भ में है. यह आपके कंटेंट को परिभाषित करने में भी सहायक होता है और सर्च इंजन को आपके कंटेंट के सन्दर्भ को समझने में सहायक की भूमिका निभाता है.
आप जितना अच्छा ऑन पेज एसइओ करेंगे सर्च इंजन आपको उतनी ज्यादा प्राथमिकता देंगे. ऑन पेज एसइओ का प्रयोग आप अपने व्यवसाय को आगे बढ़ने में कर सकते है. अब जानते है OFF-PAGE SEO KYA है और KAISE KARTE है?
Off Page SEO kya hai :
OFF PAGE SEO बाहरी कारकों पर निर्भर करता है जो आपकी साइट के प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं। ON-PAGE SEO को आप नियंत्रित कर सकते है लेकिन OFF SEO से मिलने वाली प्रतिक्रिया को आप नियंत्रित नहीं कर सकते है. यह आपकी SEARCH ENGINE RANKING BOOST करने का दूसरा प्रमुख कारक है.
और इसका सबसे अहम् हिस्सा सोशल मीडिया शेयरिंग है. इसके आपको कई बेनिफिट्स मिलते है जैसे उदाहरण के लिए आपने अपनी वेबसाइट को FACEBOOK पर शेयर किया. शेयर करना आपके हाथ में है लेकिन उस पर मिलने वाली प्रतिक्रियां को आप नियंत्रित नहीं कर सकते है. इससे आपकी वेबसाइट तो प्रचारित होती ही है और साथ में ट्रैफिक भी मिलता है.
ऐसे ही और भी बहुत सी चीजे है OFF PAGE SEO के अंतर्गत आती है. जो नीचे संक्षेप में बताई गयी है. जिनका अनुसरण कर आप अपनी SEARCH ENGINE RANKING BOOST कर सकते है.
OFF PAGE SEO KAISE KARTE HAI : ऑफ-पेज एसईओ कैसे करते है?
ऑफ पेज एसइओ में कई PRACTICES आती है जिनके माध्यम से आप वेबसाइट का ट्रैफिक बढ़ा सकते है. यह ऑन पेज की तुलना में अधिक अभ्यास की चीज है. क्यूंकि इसमें बहुत सी चीजे आपके नियंत्रण में नहीं आती है.
SITE SUBMISSION: अपनी वेबसाइट को प्रॉपर तरीके से सभी सर्च इंजन में सबमिट करे.
SOCIAL SHARING: अधिक से अधिक सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर अपनी वेबसाइट या आर्टिकल को शेयर करे.
SOCIAL BOOKMARIKING: अपने वेबसाइट या ब्लॉग को SOCIAL BOOKMARKING वाली वेबसाइट में सबमिट करे.
DIRECTORY SUBMISSION: HIGH AUTHORITY DIRECTORIES में अपनी वेबसाइट को SUBMIT करे.
Questions & Answers: ऐसी वेबसाइट पर सक्रीय रहें जो सवाल जवाब की. सवाल पूछते समय या फिर जवाब देते समय अपनी वेबसाइट का रिफरेन्स जरुर दे.
COMMENTING: अपने NICHE से सम्बंधित अन्य दूसरी वेबसाइट पर कमेंट्स में अपना लिंक जरुर दे.
PROFILE BACKLINKS जरुर बनाये और हाई DA वेबसाइट को ज्यादा महत्त्व दे.
GUEST POSTING OFF PAGE SEO के लिए एक बेहतर तकनीक है. अपनी सामान वेबसाइट पर गेस्ट पोस्ट के माद्यम से BACKLINK जरुर बनायें.
Forums ज्वाइन करे और अपने PRODUCTS या SERVICES के बारे में लोगों को जरुर बताएं.
LOCAL SEO क्या है:
यदि आप अपने व्यवसाय को इन्टरनेट के माध्यम से स्थानीय स्तर पर फैलाना चाहते है, तो आपको LOCAL SEO पर FOCUS करना चाहिए. यह परिस्थितियों के आधार पर आसान भी हो सकता है और अत्यधिक कठिन भी. यह स्थानीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा पर निर्भर करता है.
यह एसईओ रणनीति आपको स्थानीय ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करने वाली रणनीतियों का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। आपके व्यवसाय के लिए अधिक ट्रैफ़िक और ग्राहक प्राप्त करने के लिए यह एक बढ़िया तरीका है।
लोकल SEO कैसे करे?
जैसा की आपको बताया यह बहुत हद तक प्रतिस्पर्धा पर निर्भर करता है. अपने उत्पाद की गुणवत्ता को उत्कृष्ट रखे.
BUSINESS DIRECTORY में अपने व्यापार का पेज बनाये और अपनी वेबसाइट का लिंक दे.
SOCIAL MEDIA पर अपना पेज बनाकर अपने उत्पाद और उसके विषय की जानकारी को शेयर करते रहे.
FREE CLASSIFIEDS वेबसाइट पर अपनी वेबसाइट का प्रचार करे.
इसके अलावा और भी बहुत सी तकनीक है जो लोकल एसइओ में काम आती है उनका परस्पर अध्यन और अभ्यास करते रहे.
VOICE SEARCH SEO
SEO optimizations में Voice SEO नयी तकनीक है, जो voice के आधार पर content search करने के काम आती है. हालाँकि यह अभी आरंभिक दौर में है और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए भविष्य में इस तकनीक के और भी विकशित होने का अंदेशा लगाया जा रहा है. Alexa और Google Assistant इसके ताज़ा उदाहरण में से एक है.
VOICE SEO KAISE KARE?
Voice seo में वह सभी फैक्टर्स उपयोग में लाये जाते है जो किसी कंटेंट के लिए इस्तेमाल होते है. आप जिस विषय पर voice कंटेंट बनाये, उसका title, description seo फॉर्मेट में होना चाहिए जिससे यह पता चल सके की उस ऑडियो का कंटेंट क्या है.
White hat vs black hat SEO
हमने अभी तक जिस SEO TECHNIQUE IN HINDI की बात की वह White hat Seo है. और अब मैं आपको Black hat SEO के बारे में जानते है.
BLACK HAT SEO KYA HAI?
“ब्लैक हैट एसईओ” उन तकनीकों और रणनीतियों को संदर्भित करता है, जो स्पैम या सर्च खोज इंजन को धोके में रख कर किसी भी वेबसाइट या आर्टिकल को रैंक कराता है. इस तकनीक के माध्यम से white hat seo की अपेक्षा किसी भी आर्टिकल या वेबसाइट जल्दी रैंक कराया जा सकता है.
यह एक जोखिम पूर्ण तकनीक है. जिसकी पहचान होने पर आपकी वेबसाइट किसी भी सर्च इंजन से डी-इंडेक्स या स्पैम वेबसाइट की लिस्ट में आ सकती है जो कि किसी के लिए बहुत ही कष्टदायी हो हो सकता है.
इस तरह की तकनीक से कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति दूर ही रहना चाहेगा. यदि आपको छोटी अवधी के लिए ही अपना कोई कंटेंट प्रोमोट करना हो तो ही तकनीक का इस्तेमाल करे.
SEO IN HINDI का निष्कर्ष:
आशा करता हूँ दोस्तों आपको SEO क्या है और कैसे करते है की यह जानकारी जरुर पसंद आई होगी. इस लेख में SEO KAISE karte hai की पूरी जानकारी देने का प्रयास मैंने किया है. यदि आपके मन में SEO IN HINDI को लेकर कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट्स में पूछ सकते है.
Google par show karni h apni websit
Apni site ke backlink generate kare. aur facebook, twitter jaisi social networking site par apna domain add kare.
Backlinks banane ke liye kya jyada use karna chahiye?
Directoryx SBM, Blog, ya Add posting? jyada kya behatar hoga ?
1. guest post
2.Directory SBM
3. Social signals
Thanks sir bahut dino se aapki website read kar raha hu bahut achhe articles likhte hai aap.sir kya aap mujhe bata sakte hai hindi aur hinglish language ki keywords density kaisi rakhna chahiye means dono language me post likhe tab aur aapke blog par guest post karni hai
thank you manohar bhai …..