विश्व के 7 अजूबे: क्या आप जानते है दुनिया के सात अजूबे कौन से हैं और यह कहां स्थित है? अगर आप नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं क्योंकि आज हम दुनिया के सात अजूबों के बारे में जानने वाले है। दोस्तों दुनिया में एक से बढ़कर एक अजूबे है जिनमे से बहुत से अजूबे ऐसे भी थे जो आज मौजूद नहीं है। आज हम दुनिया के उन सात अजूबों के बारे में जानेंगे जिन्हें इंसानो द्वारा बनाया गया है।
आज हम विश्व के साथ अजूबों के बारे में फोटो सहित जानेगे। लेकिन उसके पहले हमें यह जान जरुरी है कैसे 7 Wonders of the world की लिस्ट कैसे तैयार हुई थी। इसके बाद Seven Wonders of the world with images in Hindi के बारे में जानेगे।
कैसे चुने जाते है दुनिया के 7 अजूबे?
क्या आपको पता है आज हम जिन धरोहरों को दुनिया के सात अजूबों के नाम से जानते है, उन्हें इस लिस्ट में किसने शामिल किया है। अगर नहीं पता है तो मैं बताता हूँ की साल 1999 में दुनिया की सबसे खूबसूरत धरोहरों को एक लिस्ट में शामिल करने के लिए स्विट्जर्लैंड में वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड फाउंडेशन नामक संस्था की नीव पड़ी। इस संस्था ने अपनी इस सूचि में दुनिया के सबसे खुबसूरत 200 धरोहरों को शामिल किया। इसके बाद दुनिया के सात अजूबों को चुनने के लिए पूरे विश्व में वोटिंग करायी गयी। यह वोटिंग इन्टरनेट और फ़ोन के जरिये की गयी जिसमे करीब 10 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया और सन 2007 में इस लिस्ट को बनाया गया। जिसे हम दुनिया के सात अजूबे कहते है।
दुनिया के 7 अजूबे ( Seven Wonders of the world )
क्रम. | नाम | देश |
1. | चीन की दीवार | चाइना |
2. | ताजमहल | भारत |
3. | माचू पिच्चू | पेरू |
4. | पेट्रा | जॉर्डन |
5. | चिचेन इट्जा | मेक्सिको |
6. | कोलोसियम | रोम |
7. | क्राइस्ट रीडीमर | ब्राज़ील |
1. चीन की दीवार – Great Wall of China
चीन की दीवार दुनिया की सबसे बड़ी दीवार है। जिसकी लंबाई 6400 किलोमीटर है। इस दीवार को बनाने में मिट्टी, लकड़ी, ईटों तथा नुकीले पत्थरों का इस्तेमाल किया था. इस दीवार को चीन के कई शासकों और राजाओं द्वारा हमलावरों से बचने के लिए बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि इस दीवार को 5वीं शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी तक बनाया गया था। कहां जाता है कि इस दीवार के बीच में खाली जगह है और इसको अगर मिला दिया जाये तो इसकी लंबाई और 8848 किलोमीटर हो जाएगी। यह दीवार पूर्वी चीन से लेकर पश्चिमी चीन तक फैला हुआ है।
यह दीवार इतना बड़ी है कि इसे बनाने में 20 से 30 लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था तब जाकर दीवार तैयार हुयी थी। कहा जाता है कि कड़ी मेहनत न करने वाले मजदूरों को इसी में दफना दिया जाता था और इसीलिए इसे दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है। इस दीवार की ऊंचाई हर जगह अलग-अलग है। बताया जाता है कि इस दीवार की सबसे अधिक ऊंचाई 35 फुट है वहीं इसकी चौड़ाई की बात करें तो इस दीवार पर एक साथ 10 लोग आराम से चल सकते हैं। यह दीवार इतनी बड़ा है कि इससे अंतरिक्ष से देखा जा सकता है। इस दीवार को देखने के लिए हर साल एक करोड़ लोग आते हैं। इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए इस दीवार को दुनिया के सात अजूबे में से एक माना गया है।
2. ताजमहल (Taj Mahal)
भारत के आगरा शहर में स्थित ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसका निर्माण शाहजहाँ ने 1632 में करवाया था। इसकी ऊंचाई 73 मीटर है। कहते है इस ईमारत को बनाने में लगभग 15 साल का समय लगा था और जिन मजदूरों ने इसे बनाया था शाहजहाँ ने उनके हाथ कटवा दिए थे ताकि वह ऐसी चीज दोबारा ना बनवा सके। यह सफेद संगमरमर का बना हुआ है और चांदनी रात में इसे देखना बहुत ही खूबसूरत लगता है। यह करीब 17 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसे बनाने के लिए 20,000 से भी ज्यादा मजदूरों ने काम किया था। ताजमहल के आसपास कई सारे इमारतें और बाग बनाए गए हैं जो इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। इसे देखने के लिए हर साल ढेर सारे पर्यटक आते हैं।
3. माचू पिच्चू (Machu Picchu)
यह दक्षिण अमेरिका के पेरू शहर में 2,430 मीटर की ऊँचाई पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर एक पहाड़ में स्थित है। इसे इंकाओं का खोया हुआ शहर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 1400 के आसपास इंका साम्राज्य के राजा पचाकुती ने करवाया था. जिस पर बाद में इस जगह पर स्पेन ने अधिपत्य कर लिया था और इसे ऐसे ही छोड़ दिया था जिसके बाद यहां की सभ्यता समय के साथ लुप्त हो गयी। लेकिन 1911 में अमेरिका के इतिहासकार हिरम विंघम ने इसकी खोज की थी और इस ऐतिहासिक स्थल को दुनिया के सामने लाया था। इसे “लॉस्ट सिटी ऑफ द इन्का के नाम से भी जाना जाता है। यहां की सबसे प्रसिद्ध जगह का नाम इन्का ट्रेल है। क्योंकि इस ट्रैक से पर्वत की चोटियों पर सूर्योदय का नजारा काफी खूबसूरत दिखाई देता है। इस ट्रैक के बहुत अधिक संकरा होने के कारण इस पर 500 से ज्यादा पर्यटक नहीं जा सकते हैं। इस जगह की पुरानी इमारतों की मरम्मत कराकर इसका 30% तक पुनः निर्माण किया गया है, ताकि यह दिखने में खूबसूरत लग सके। इसे भी साल 2007 में वोटिंग द्वारा दुनिया के सात अजूबो में शामिल किया गया था।
4. पेट्रा (Petra)
यह जॉर्डन में स्थित एक ऐतहासिक नगर है जिसकी स्थापना 312 ईसा पूर्व किया गया था। यह पूरी इमारत पत्थरों को तराश कर बनाया गया था। इस इमारत के लगे सारे पत्थर लाल रंग है इसलिए इसे रोज सिटी (Rose City) के नाम। से जाना जाता है। पेट्रा को युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर होने का दर्जा भी मिल चुका है। कहा जाता है कि इस नगरी आपको पत्थर से तरासी गयी एक से बढ़कर एक इमारतें देखने को मिलती हैं और इन्हीं सारी खूबियां को देखते हुए इसे दुनिया के सात अजूबे में शामिल किया गया है।
5. चिचेन इट्जा (Chichen Itza)
यह मक्सिको का प्राचीन और दुनिया का प्रसिद्ध मायन मंदिर है। इस मंदिर निर्माण 600 ईशा पूर्व किया गया था। माना जाता है कि इसे कोलम्बियाई माया सभ्यता ने नौवें और बारहवीं शताब्दी के बीच बनाया था। यह मंदिर पिरामिड की आकृति का है जिसकी ऊंचाई 79 फिट है यह 5 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर के सबसे ऊपर चढ़ने के लिए चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है। इस मंदिर हर दिशा में 91 सीढ़ियां है जो एक साल यानि 365 दिन का प्रतीक है। यहां हर साल करीब 12 लाख से ज्यादा पर्यटक आते है।
6. कोलोसियम (The Roman Colosseum)
यह इटली के रोम नगर शहर में स्थित है। यह एक स्टेडियम है जिसे कंक्रीट और रेत से बनाया गया था। इस स्टेडियम में प्राचीनकाल में लगभग 50 हजार से 80 हजार लोग एक साथ बैठ सकते थें। यह स्टेडियम रोमन साम्राज्य का सबसे बड़ा अखाड़ा है जिसका निर्माण सम्राट टाइटस द्वारा 80वीं शताब्दी में करवाया गया था। यह विश्व की सबसे पुरानी वास्तुकलाओं में से एक है जहां प्राचीन काल में पशुओं की लड़ाई, खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ करते थे. यहां हर साल 40 लाख से ज्यादा पर्यटक धूमने के लिए आते हैं। यह स्टेडियम अपनी विशालता के कारण दुनिया के सात अजूबे में शामिल है।
7. क्राइस्ट रीडीमर (Christ the Redeemer Statue)
यह ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में पहाड़ के ऊपर 130 फिट ऊंची स्थापित ईसा मसीह का एक विशाल प्रतिमा है। यह मूर्ति तिजुका फॉरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाड़ो कोर्कोवाड़ो पहाड़ की चोटी पर स्थित है। यह मूर्ति विश्व के सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है। इस विशाल प्रतिमा को कंक्रीट के सोपस्टोन से बनाया गया है जिसका निर्माण 1922 से 1932 के बीच किया गया था। इस मूर्ति का वजन 635 टन है और इसकी चौड़ाई 98 फिट है। कहा जाता है कि इस प्रतिमा को बनाने में कुल 2,50,0000 डॉलर खर्च हुए थे। इस मूर्ति पर पक्षी न बैठे इसके लिए इस मूर्ति के ऊपर छोटी छोटी किले लगाई गयी है। यह मूर्ति रात को देखने में अच्छा लगे इसके लिए इसलिए इसमें लाइट भी गया है। इस मूर्ति को फ्रेंच के महान मूर्तिकार लेनदोव्सकी ने इसे बनाकर तैयार किया था।
निष्कर्ष:-
तो अब आप दुनिया के सात अजूबे Seven Wonders of the World in hindi के बारे में जान गए होंगे। आपने भी कभी इन जगहों पर जाने के बारे में सोचा होगा या फिर ताजमहल की यात्रा की होगी। हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबे में एक है। हम उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा। यह लेख कैसा लगा हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताए।