विषय: कंप्यूटर क्या है?, कंप्यूटर की परिभाषा, Computer का Full form, कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया, Computer का इतिहास, कंप्यूटर के मुख्य पार्ट्स, कम्प्यूटर के प्रकार, कंप्यूटर के लाभ और हानि।
कंप्यूटर क्या है? दुनिया में शायद ऐसा कोई नहीं है जो यह नहीं जानता की What is Computer in Hindi? क्योंकि आज इसी इलेक्ट्रॉनिक यंत्र की मदद से दुनियाभर में मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से हो रहे हैं। ऐसे में यह पूछना की Computer Kya Hai? थोड़ा फनी लगता है।
लेकिन हम कंप्यूटर के बारें में सब कुछ जानते है यह हमारी गलतफहमी है क्योंकि कंप्यूटर के निर्माता भी कंप्यूटर को पूरी तरह से नहीं समझ पायें है। यह एक ऐसा कुआँ है जिसका अंत कभी नहीं होगा।
इसलिए आज हम आपको कंप्यूटर से जुड़ी अनेक ऐसी जानकारियां देने वाले है जो आपके बहुत काम आएगी और आप कंप्यूटर की बेसिक जानकारी को आसानी से समझ पायेंगे।
कंप्यूटर क्या है ? What is computer in hindi
Computer Kya Hai: कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो तय निर्देशों पर कार्य करता है, इसे एक तरह का इलेक्ट्रोनिक यंत्र कह सकते है जिसकी गणना में गलती होने के चांस जीरो प्रतिशत होते हैं। यह मुख्य रूप से तीन कार्य करता है पहला डाटा लेना (Input) दूसरा Processing और तीसरा काम है डाटा को दिखाना यानि Output। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषाओं पर काम करता है। इसे हम हार्डवेयर और सॉफ्टवेर का मिश्रण भी कह सकते हैं।
साधारण शब्दों में कंप्यूटर की परिभाषा Computer ki Paribhasha
आज के समय में कंप्यूटर एक गणना करने वाली मशीन नहीं रही है, वह मनुष्यों से ज्यादा काम करने में सक्षम है और आज इसका उपयोग अलग-अलग लोग अलग-अलग कार्यों के लिए करते है। अगर आप किसी गेम खेलने वाले से पूछोगे कि कंप्यूटर क्या है तो वह जवाब देगा की कंप्यूटर एक गेम खेलने वाली मशीन है, वहीँ एक लेखक कहेगा की यह टायपिंग मशीन है और वीडियो एडिटर कहेगा की यह एडिटिंग मशीन है।
वैसे ही इसका उपयोग अलग-अलग कार्यों में होता है। हाँ यह जरुर है की कंप्यूटर का निर्माण गणना करने के लिए हुआ था लेकिन आज इसके अनेक प्रकार ऐसे है जो अलग-अलग कार्यों में निपुण है।
Computer Full form in Hindi – कंप्यूटर का पूरा नाम
Computer शब्द अंग्रेजी भाषा के Compute से बना है। Compute का अर्थ होता है गणना करना। इसी से Computer शब्द का निर्माण हुआ। हिंदी में इसे ‘संगणक’ कहा जाता है। Computer शब्द की फुल फॉर्म इस प्रकार है –
- C- Commonly
- O- Operated
- M- Machine
- P- Particularly
- U– Used For
- T– Technical And
- E– Educational
- R– Research
(Commonly Operated Machine Particularly Used For Technical And Educational Research) इसका हिंदी अनुवाद करने पर ‘आम तौर पर शैक्षणिक, तकनिकी और व्यापार में उपयोग की जाने वाली मशीन है’
Computer के निर्माता कौन थे ? Father of Computer
अब यहाँ पर कोई प्रश्न पूछे कि कंप्यूटर की खोज किसने की तो किसी एक व्यक्ति को इसका पूरा श्रेय देना गलत होगा. क्यूंकि आज भी इसको पूर्ण नहीं कहा जा सकता है।
कंप्यूटर के निर्माण में आज के समय में बहुत से लोगों का हाथ है, लेकिन Charles Babbage ने सबसे पहले 1833 में Analytical Engine Computer का निर्माण किया था और 1837 में लॉन्च किया था। उन्ही की कंप्यूटर प्रणाली पर आज कंप्यूटर बनाया जा रहा है।
इसलिए Charles Babbage को कंप्यूटर के जनक (फादर) कहा जाता है। इसलिए यदि आपसे कोई पूछे कि कंप्यूटर की खोज किसने की तो आप बेधड़क हो हर कह सकते है. कंप्यूटर की खोज चार्ल्स बेबेज ने की है.
Charles Babbage की कंप्यूटर के निर्माण में अहम भूमिका
कंप्यूटर के इतिहास में Charles Babbage का अहम योगदान रहा, इन्होने ब्रिटिश सरकार के कहने पर एक ऐसी मशीन का निर्माण किया जो गणना करने को आसान करती थी। उनकी पहली मशीन 1822 में बनी जो की भाप से चलती थी।
इस मशीन का नाम उन्होंने ‘ Difference Engine’ रखा और उसके बाद उन्होंने इसी का विकास करते हुए 1833 में Analytical Engine का निर्माण किया और आज सभी कंप्यूटर उन्ही के Analytical Engine के सिद्धांत पर कार्य करता है। उनकी यही मशीन आज के कंप्यूटर का आधार बना है।
Computer का इतिहास और विकास
कंप्यूटर आज नहीं करीब तीन हजार सालों से लगातार बनता ही आ रहा है। जैसा की आप जानते है कंप्यूटर का निर्माण गणना करने के लिए किया गया था। लेकिन आज कंप्यूटर बहुत ज्यादा विकसित हो चूका है। कंप्यूटर के निर्माण और विकास में सालों-साल बदलाव आता रहा और इसमें बदलाव लाने वाले भी अलग-अलग थे तो कम शब्दों में कंप्यूटर का इतिहास इस तरह है –
चीन का Abacus – Abacus चीन का पहला ऐसा अविष्कार था जो गणना को आसान बनाने का कार्य करता था। इसे Calculation Machine Abacus के नाम से जाना जाता था। इसका उपयोग आज भी कुछ देशों में होता है। यह एक तारों का फ्रेम है जो घटाने, जोड़ने, गुणा करने और भाग देने के लिए उपयोग में लिया जाता था। यह कंप्यूटर की तरफ बढ़ता पहला कदम था।
फ्रांस के ब्लेज पास्कल – Abacus की तरह ही फ़्रांस में भी 1645 में Baize Pascal ने Adding Machine का निर्माण किया। यह मशीन सिर्फ जोड़ और घटाव कर सकती थी। यह घड़ी और ओडोमीटर के सिद्दांत पर कार्य करती थी। इसमें चकरी नुमा दांते थे जो इकाई, दहाई, सेंकड़ा के कर्म में घुमती थी। यह कंप्यूटर की तरफ दूसरा कदम था।
जोसेफ जेकार्ड कपड़ों में डिजाईन बनाना – यह कंप्यूटर की तरफ तीसरा कदम था पर यह किसी तरह की गणना करने के लिए नहीं बनाया गया था। फ्रांसीसी बुनकर जोसेफ जेकार्ड ने 1801 में ऐसी मशीन बनाई जो कपड़ों पर डिजाईन बनाने में सक्षम थी। यह पंचकार्ड पर चित्रों के अनुसार धागे को सेट करती थी।
1940 – 1945 में कंप्यूटर का विकास
1940 में पहला यांत्रिक कंप्यूटर बना इसे बनाने वाले हावर्ड आइकन ने इसका नाम मार्क-I रखा। 1945 में Atanashoff और Clifford Berry ने ABC कंप्यूटर का निर्माण किया और यह पहला डिजिटल कंप्यूटर निर्मित हुआ। पहले डिजिटल कंप्यूटर का नाम ABC कंप्यूटर था।
कंप्यूटर के मुख्य पार्ट्स – Computer Hardware
कंप्यूटर किसी भी कार्य को अकेला नहीं कर सकता है उसे अनेक उपकरणों (Hardware) की आवश्यकता पड़ती है। इन्ही उपकरणों की मदद से वह एक पूरा कंप्यूटर बनता है और हमें हमारी जरूरत के अनुसार कार्य करने की आजादी देता है। यह उपकरण इस तरह है –
System Unit
System Unit यानि कंप्यूटर की वो जगह जहाँ पर CPU, मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्डडिस्क इत्यादि यंत्र होते है। यह पहले एक बक्से की तरह होता था आज लैपटॉप इत्यादि में इनबिल्ट आता है। इसमें मौजूद यंत्र ही कंप्यूटर को कार्य करने लायक बनाते हैं। इसमें मौजूद CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है।
Monitor
आज Monitor की जगह एलसीडी, एलईडी ने ले ली है। यह एक टीवी की तरह होता है। यह Output का कार्य करता है। यानि हमारे द्वारा दिए गये निर्देशों को दिखाने का कार्य Monitor करता है। Output डाटा के लिए मॉनिटर की आवश्यकता पड़ती है।
Keyboard
यह एक इनपुट उपकरण है इसकी मदद से हम कंप्यूटर को निर्देश दे सकते हैं। इसमें अनेक कुंजियाँ होती है जिनकी मदद से हम कंप्यूटर को निर्देश दे सकते हैं।
Mouse
कंप्यूटर में किसी भी प्रोग्राम को चुनने के लिए हमें माउस की मदद लेनी पड़ती है। यह एक Input Device है जो हमें किसी भी सॉफ्टवेर को Quick Open करने में मदद करता है।
Speakers
कंप्यूटर की यह OUTPUT Device है जो हमें कंप्यूटर की आवाज सुनने में मदद करता है। इसी की मदद से हम गाने, फिल्मों, प्रोग्राम और खेलों में उपलब्ध ध्वनियों को सुन सकते हैं और उन्हें समझ सकते हैं।
Printer
यह कंप्यूटर का आउटपुट भाग है, इसकी मदद से हम कंप्यूटर में उपलब्ध डेटा की हार्डकॉपी प्राप्त कर सकते हैं। यानि कंप्यूटर में मौजूद फाइल को कागज पर प्राप्त कर सकते हैं। जबकि कंप्यूटर में फाइल की सॉफ्टकॉपी मौजूद होती है।
नोट: इन सभी चीजों को Hardware कहा जाता है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का मिश्रण है। सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में मौजूद होते है। कंप्यूटर में मौजूद सभी प्रोग्राम सॉफ्टवेयर होते है जो किसी ना किसी प्रोग्राम भाषा में बने होते हैं।
कम्प्यूटर के प्रकार : Type Of Computer In Hindi
कंप्यूटर को जरूरत के अनुसार अलग-अलग प्रकार में बनाया जाता है, मुख्यतौर पर यह तीन प्रकार के कंप्यूटर उपयोग में लिए जाते हैं।
कार्यप्रणाली के आधार पर ( Based On Mechanism) –
- Analog Computer (यह आंकड़े ग्राफ के रूप में दर्शाने का कार्य करता है)
- Digital Computer (यह आंकड़ो को अंकीय रूप में दर्शाता है)
- Hybrid Computer (यह ग्राफ और अंकीय दोनों तरह से आंकड़ो को दर्शाता है)
उद्देश्य के आधार पर ( Based On Purpose)
- General Purpose computer (समान्य उद्देश्य के लिए उपयोग में किये जाने वाले कंप्यूटर, जो आप और हम उपयोग करते हैं)
- Special Purpose Computer (यह एक ही तरह का कोई विशेष कार्य करने के उद्देश्य से बने होते है)
आकार के आधार पर कंप्यूटर ( Size based Computer )
- Super Computer (यह सबसे महंगा और शक्तिशाली कंप्यूटर है, इसका उपयोग नासा और ईसरो में होता है)
- Mainframe Computer (यह बड़ी कंपनियों में आंकड़ो को संग्रहित करने के लिए बनाये गये कंप्यूटर होते है)
- Mini Computer (यह छोटी कंपनियों में उपयोग किया जाने वाला कंप्यूटर है जो सस्ती कीमत पर खरीदा जाता है)
- Micro Computer (यह आकर में बहुत ज्यादा छोटे कंप्यूटर होते हैं)
- Laptop Computers ( डेस्कटॉप कंप्यूटर के बाद सबसे ज्यादा प्रचलित कंप्यूटर लैपटॉप है। इन्हें हम कहीं पर भी लेजा सकते हैं)
- Palmtop Computers (यह आज की जनरेशन का सबसे ज्यादा सरकारी लोगों द्वारा उपयोग किया जाने वाला कंप्यूटर है। यह एक डिजिटल मशीन होती है जो हम काफी आसानी से सिर्फ हथेली में रखकर भी उपयोग कर सकते हैं, जैसे जनगणना के लिए आने वाले सर्वे एजेंट के पास एक मशीन होती है उसे ही Plamtop Computer कहा गया है)
कंप्यूटर की विशेषताएं
कंप्यूटर में Automation, Accuracy, Versatility, High Storage Capacity, Diligence, Reliability और Power of Remembrance जैसी विशेषताएं हैं। इसमें प्रोग्राम एक बार लोड होने पर स्वचालित हो जाता है। इसकी गणना में गलती होने के चांस न के बराबर है।
हर एक क्षेत्र में इसका उपयोग है, यह बहुत ज्यादा डाटा store कर सकता है, कभी ना थकने वाला उपकरण है, इस पर हम पूरी तरह से विश्वास कर सकते हैं और इसकी याद रखने की क्षमता बहुत अधिक है, यानि एक बार जो चीज इसमें फीड हो गई वह हमेशा इसे याद रहेगी जब तक हम वह डिलीट नहीं करते तब तक।
कंप्यूटर के लाभ और हानि
वैसे तो कंप्यूटर ने हम इंसानों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज हम कंप्यूटर का उपयोग सभी कार्यों के लिए करते हैं। इसलिए कंप्यूटर आज हमारे लिए बहुत लाभकारी साबित हो रहे हैं। कंप्यूटर से हमें अनेक लाभ है और कुछ नुकसान भी है। पहले हम कंप्यूटर के लाभ के बारें में चर्चा करते हैं –
कंप्यूटर के लाभ
- कंप्यूटर की मदद से हम Multitasking कार्य कर सकते हैं।
- इससे हम बहुत ज्यादा स्पीड में कार्य कर सकते हैं।
- हम इसमें बहुत ज्यादा डाटा store करके रख सकते हैं।
- इसमें गलती ना के बराबर होती है।
- हमारा डाटा सेफ और सिक्योर रहता है।
- कंप्यूटर हमारी किसी भी तरह के कार्य में मदद करता है।
कंप्यूटर से नुकसान
- वायरस और हैकिंग की वजह से हमारा Data Loss हो सकता है।
- ऑनलाइन साइबर क्राइम में बढ़ावा।
- मनुष्यों के लिए रोजगार घटा रहा है कंप्यूटर।
- कुछ वर्षों बाद हम मशीनों के गुलाम हो जायेंगे, हमारा ब्रेन कंप्यूटर के अनुसार चलेगा।
- बेंकिंग, शिक्षा, तकनीकी क्षेत्र में रोजगार की भारी कमी आयेगी, क्योंकि कंप्यूटर धीरे-धीरे इंसानों की जगह लेता जा रहा है।
FAQ
कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो तय निर्देशों पर कार्य करता है. यह मुख्यरूप से तीन कार्य करता है पहला डाटा लेना (Input) दूसरा Processing और तीसरा काम है डाटा को दिखाना यानि Output.
कंप्यूटर का हिंदी नाम ‘संगणक’ है क्योंकि यह बड़ी से बड़ी गणना करने में सक्षम है. कंप्यूटर शब्द की उत्पति अंग्रेजी भाषा के ‘कंप्यूट’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना.
कंप्यूटर की खोज कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. Charles Babbage को कंप्यूटर के जनक कहा जाता है
यदि हम कंप्यूटर को सही डाटा देते है तो वह सही गणना करेगा। अगर हम गलत डाटा देंगे तो वह गलत ही गणना करेगा।
मुख्य तौर पर कंप्यूटर तीन प्रकार का होता है. 1. Analog Computer 2. Digital Computer 3. Hybrid Computer
पहले डिजिटल कंप्यूटर का नाम ‘ABC Computer’ था।
कंप्यूटर की हम पांचवी जनरेशन का उपयोग कर रहे हैं। इस जनरेशन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।
एक अच्छे कंप्यूटर की पहचान उसके प्रोसेसर, ग्रापिक्स, RAM और Space के अनुसार कर सकते हैं।
नहीं, क्योंकि इसका निर्माण अलग-अलग कारणों और अलग-अलग उद्देश्यों के लिए होता रहेगा।
जितनी तेजी से कंप्यूटर का निर्माण और उसमे बदलाव आ रहे है ऐसा लगता है की भविष्य में कंप्यूटर ही हमें कंट्रोल करेंगे।
कंप्यूटर के बारे में रोचक बातें
निष्कर्ष
यहाँ आपने पढ़ा की कंप्यूटर क्या है? और यह किस तरह कार्य करता है, Hindi में कंप्यूटर को क्या कहते है और कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या होता है.
इस लेख में एक कंप्यूटर की विशेषताएं से कंप्यूटर के नुकसान और लाभ के साथ साथ कंप्यूटर की खोज किसने की इत्यादि की बेसिक जानकारी देने का हमने प्रयास किया है.
यदि इस लेख में कंप्यूटर से सम्बंधित कोई विषय छुट गया है तो आप कमेंन्ट्स में हमें इसके प्रति आग्रह कर सकते है. हम इस जानकारी को अपडेट कर देंगे.
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जय हिन्द जय भारत