ये है भारत के सात अजूबे फोटो सहित पूरी जानकारी हिंदी में। 2022

भारत के 7 अजूबे: दुनिया में एक से बढ़कर एक अजूबे मौजूद है। अभी पिछले लेख में हमने दुनिया के सात अजूबे कौन से है उनकी फोटो सहित जानकारी दी थी। आज के इस लेख में हम भारत के सात अजूबे कौन से है फोटो सहित पूरी जानकारी देने जा रहे है। हर देश में कला कृतियों के एक से बढ़कर एक नायाब नमूने देखने को मिल जाता है। ऐसे ही हमारे देश में एक से बढ़कर एक अजूबे मौजूद है। ये देखने में जितने खूबसूरत है उतने ही नायाब भी। हमारे देश भारत में ऐसे ऐसे भव्य और पुरातन भवन बने हुए है जो हमें दाँतों तले उंगलिया दबाने पर मजबूर कर देती है।

आज हम ऐसे ही भारत के सात अजूबों के बारे बताने जा रहे है जिनको जिंदगी में एक बार देखना तो जरुर बनता है। मैं जिन सात अजूबों के बारे में बताने जा रहा हूँ। आप लोग उनमे से कितनी जगह घूम चुके है कमेंट्स में जरूर बताइयेगा। चलिए शुरू करते है..

भारत के सात अजूबों के नाम:

क्रम.अजूबेराज्य
1.ताजमहलउत्तरप्रदेश
2.स्वर्ण मंदिरपंजाब
3.गोमतेश्वर मंदिरकर्नाटक
4.नालंदा विश्वविद्यालयबिहार
5.हम्पीकर्नाटक
6.खजुराहो मंदिर, मध्यप्रदेशमध्य प्रदेश
7.कोणार्क सूर्य मंदिरउड़ीसा
भारत के सात अजूबे

भारत के सात अजूबे कौन से है? फोटो सहित जानकारी

ताजमहल, उत्तरप्रदेश

ताजमहल
ताजमहल

ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत इमारत है। जिसका निर्माण साल 1962 में शुरू हुआ और इससे बनने में करीब 17 साल लगा था। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। यह सफ़ेद संगमरमर पत्थर का बना हुआ है चांदनी जिसे रात में  देखने पर एक अजीब सा एहसास होता है। चांदनी रात में यह दूध की तरह चमकता है। कहां जाता है कि ताजमहल बनने के बाद शाहजहां ने ताजमहल को बनाने वाले कारीगरों को हाथ कटवा दिए थे ताकि दोबारा ऐसी कोई इमारत ना बना सके। ताजमहल को प्यार की निशानी भी कहा जाता है। यह दुनिया के साथ अजूबों में शामिल है। इसे देखने के लिए देश दुनिया से लाखों पर्यटक आते है।

2. स्वर्ण मंदिर, पंजाब

स्वर्ण मंदिर
स्वर्ण मंदिर

यह मंदिर भी भारत के सात अजूबों में से एक है। यह मंदिर पंजाब के अमृतसर में स्थित है जो सिख धर्म का सबसे प्रमुख तीर्थस्थल है। यह  गुरुद्वारे सिख धर्म के सबसे पुराने गुरुद्वारों में से एक है। यह गुरुद्वारा एक सरोवर के बीचो बीच में स्थित है। गुरुद्वारे का बाहरी हिस्सा सोने का बना होने के कारण इसे ‘स्वर्ण मंदिर‘ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को “दरबार साहिब” के नामे से जानते है।  यह मंदिर जितना भव्य और सुंदर है उतना ही यह विशाल भी है। यह मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर में मशहूर है। क्योंकि यहां दुनिया भर के श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। स्वर्ण मंदिर को भगवान का घर भी कहा जाता है। इस मंदिर के चारों तरफ प्रवेश द्वार है और चारों ओर सरोवर भी है जो दिखने में काफी खूबसूरत लगता है। इस मंदिर को भव्य तरीकों से बनाया गया है। अगर स्वर्ण मंदिर घुमने जाते है तो बाघा बॉर्डर भी जरुर जाए। जो यहाँ से मात्र कुछ ही किलोमीटर की दुरी पर है।

3. गोमतेश्वर मंदिर, कर्नाटक

गोमतेश्वर मंदिर, कर्नाटक
गोमतेश्वर मंदिर, कर्नाटक

यह मंदिर श्रवणबेलगोला के नाम से पूरी दुनिया भर में मशहूर है जो कर्नाटक में स्थित है। यह जैन धर्म के लोगों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर में एक विशाल अखंड गोम्मतेश्वर की प्रतिमा स्थित है जिसे 883 ईस्वी में एक बड़े से सफेद पत्थर को काट कर बनाया गया था। इस मूर्ति तक पहुंचने लिए 618 सीढ़ियों चढ़नी पड़ती है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस मूर्ति को पत्थर से कैसे बनाया गया होगा और कैसे इसे इतनी ऊंचाई पर कैसे खड़ा किया होगा। इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 60 फिट है। यह मंदिर पूरी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर को जैन धर्म का धार्मिक मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।

3. नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार

नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार
नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार

बिहार के जिले नालंदा में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय भारत के सात अजूबों में से एक है। नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वी सदी में की गई थी। ऐसा माना जाता है कि यह इतिहास का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। जहां कभी इतिहास में 10,000 छात्रों को 2000 शिक्षक अध्ययन कराते थे। यहाँ सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि की चीन, जापान, कोरिया, तिब्बत, मंगोलिया, ईरान, इंडोनेशिया से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। नालंदा विश्वविद्यालय 500 ईस्वी से लेकर 1300 ईस्वी तक एक संपन्न विश्वविद्यालय था। इसके बाद इसे आक्रमणकारियों द्वारा तीन बार नष्ट कर दिया गया। जिसमें से दो बार मरम्मत करके ठीक किया गया लेकिन तीसरा बार वो मरमत करने के काबिल नहीं था। इसलिए उसे थोड़ा मरम्मत करके उसे वैसा ही छोड़ दिया गया। कहा जाता है की इस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में इतनी सारी किताबें थी कि इसे जलने में कई साल लग गए थे लेकिन फिर भी पूरा नहीं जल सका। कहा जाता है कि इसके लाइब्रेरी में तकरीबन 90 लाख पांडुलिपियां और हजारों किताबें रखी हुई थी। नालंदा विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी 9 मंजिले का था जो तीन भागों में बाट हुआ था। आज यह विश्वविद्यालय एक खंडर जैसा दिखाई देता है लेकिन फिर भी इस विश्वविद्यालय को हर साल पर्यटक देखने आते हैं।

4. हम्पी, कर्नाटक

हम्पी, कर्नाटक
हम्पी, कर्नाटक

यह भारत के राज्य कर्नाटक में स्थित है। मध्यकाल में यह विजय नगर की राजधानी हुआ करती थी। आज यह नगर सिर्फ खंडहरों के रूप में दिखाई देता है। इन खंडहरों को देखकर एहसास होता है उस समय यहाँ की सभ्यता कितनी विकसित थी। इस नगर को यूनेस्कों ने विश्व धरोहरों में शामिल किया हुआ है। आज भी यहाँ खंडहरों के रूप में हजारों स्मारक देखने को मिल जाते है जिनमे महल, मंदिर, पानी के कुण्ड, तहखाने, बाजार जैसी हजारों की संख्या में इमारते मौजूद है, जिन्हें देखने के लिए देश विदेश से हजारों की संख्या में लोग यहाँ आते है। हम्पी में स्थित विठाला मंदिर यहाँ के प्रमुख केन्द्रों में से एक है जो दक्षिण भारत के भवन निर्माण कला एक अद्भुद नमूना है। यहाँ के नज़ारे को शब्दों में व्यक्त करना असंभव है।

5. खजुराहो मंदिर, मध्यप्रदेश

खजुराहो मंदिर, मध्यप्रदेश
खजुराहो मंदिर, मध्यप्रदेश

यह मंदिर मध्यप्रदेश के जिले छतरपुर में स्थित है। इस मंदिर को चंदेल सम्राज्य के शासनकाल में बनाया गया था। इसका निर्माण सन् 950 से 1050 ईस्वी के बीच किया गया था। प्राचीन काल में इस मंदिर को ‘खजूरपुरा’ और ‘खजूर वाहिका’ के नाम से भी जाना जाता था। इस मंदिर के अंदर कई अनोखी मूर्तियां देखने को मिलती है जो इसे एक अलग मंदिर बनाती है। इस मंदिर के अंदर स्थित मूर्तियां हिंदू और जैन धर्म की है। यह मंदिर अपने अनोखी वास्तुकला के कारण यह सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया भर में जाना जाता है और यहीं सारी खूबियां इसे भारत के सात अजूबे से एक बनाती है। यह मंदिर भी यूनेस्कों के विश्व धरोहरों की सूचि में शामिल है। इस मंदिर को यदि प्रेम का प्रतीक कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस मंदिर को देखने के लिए देश विदेश से हर साल लाखों की संख्या में लोग आते है।

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7. कोणार्क मंदिर, उड़ीसा

कोणार्क मंदिर, उड़ीसा
कोणार्क मंदिर, उड़ीसा

यह मंदिर कर्नाटक में स्थित है जिसे ब्लैक पगोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 13वी शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में एक है। हालांकि यह मंदिर समय के साथ अपना असली रूप को गवाता जा रहा है। यह भगवान् सूर्य को समर्पित एक सूर्य मंदिर है। यह मंदिर भी यूनेस्कों की विश्व धरोहरों में शामिल है। इस मंदिर की शुरुआत में सिंह और हाथी जैसे जानवरों का मूर्तियां देखने को मिलती है। इस मंदिर की खास सरंचना यह है कि सात घोड़ों द्वारा आकाश की ले जाते हुए संकेत करता है। यह मंदिर कलिंग शैली में बना हुआ है। और इसी कारण इस मंदिर को भारत के साथ अजूबे में से एक माना गया है। इस मंदिर को देखने के लिए लोग बहुत भारी संख्या में यहाँ पर आते है।

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भारत के इन सात अजूबों में से आपने कितने अजूबे देखे है हमें कमेंट्स में जरूर बताएं। अगर मैं अपनी बात बताऊँ तो मैंने अभी तक सिर्फ स्वर्ण मदिर ही घूमा है। और जबकि आगरा का ताजमहल तो मेरे घर से अन्य सभी अजूबों के मुकाबले बहुत नजदीक है इसके बावजूद भी मैं अभी तक इसको देख नहीं पाया। अगर मुझे मौका मिले तो सबसे पहले मैं हम्पी जाना चाहूँगा। आप कहाँ जायेंगे कमेंट्स में जरूर बताएं।

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