इंटरनेट क्या है ? इंटरनेट का उपयोग, इंटरनेट का महत्व, history of internet in hindi और internet ki khoj kisne kiya इन सब की पूरी जानकारी मैं आपको इस hindi blog में बहुत ही सरल व सहज भाषा में बताऊंगा।
आज जहाँ इन्टरनेट व्यापार से लेकर बैंकिंग, एजुकेशन, कम्युनिकेशन, टेक्नोलॉजी और मनोरंजन का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है, वहीँ बिना इन्टरनेट के जीवन की कल्पना करना तो आज के युग में बहुत ही कठिन हो गया है. इन्टरनेट ने जहाँ आज हमारी बहुत सी समस्याओं का हल दिया है वहीँ हमारे लिए बहुत सी नयी समस्याओं को जन्म भी दिया है.
आज के इस लेख में हम इन्टरनेट के इतिहास से लेकर इन्टरनेट के लाभ और हानियों के भी बारे में भी जानेंगे. तो आइये सबसे पहले जानते है कि…
इंटरनेट क्या है / What is internet in hindi
इन्टरनेट एक दुसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है. दुसरे शब्दों में कहे तो सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए TCP/IP Protocol के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को internet कहते हैं. इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है.
हिंदी में इन्टरनेट : Internet Meaning In Hindi
इन्टरनेट एक इंग्लिश शब्द है जो इंग्लिश के ही एक और शब्द “Internetworked” से लिया गया है. Hindi में Internet का meaning होता है “अंतरजाल“. इन्टरनेट हजारों-लाखों कम्प्यूटरों का एक जाल है इसे हिंदी में अंतरजाल या फिर सामान्य भाषा में “महाजाल” भी कह सकते है.
OTP kya hai?
इंटरनेट का मालिक कौन है? Owner of Internet
हर वस्तु का कोई न कोई मालिक तो होता ही है लेकिन अगर बात करे इन्टरनेट की, कि इंटरनेट का मालिक कौन है या फिर Internet पर किस का एकाधिकार है तो इस प्रश्न के दो उत्तर हो सकते है।
- कोई नहीं
- बहुत सारे लोग
1. यहाँ कोई नहीं से तात्पर्य यह है कि इन्टरनेट का कोई भी एक मालिक नहीं है, और कोई भी देश या किसी भी देश की सरकार या कंपनी इन्टरनेट पर किसी भी प्रकार का एकाधिकार नहीं रखती है. कहने का तात्पर्य इन्टरनेट पर पूर्ण अधिकार किसी का भी नहीं है.
2. दूसरे दृष्टिकोण से, हजारों लोग और संगठन इंटरनेट के मालिक हैं. इंटरनेट में कई अलग-अलग बिट्स और टुकड़े होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का एक मालिक होता है। इनमें से कुछ मालिक आपके पास इंटरनेट तक पहुंच की गुणवत्ता और स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। वे पूरे सिस्टम के मालिक नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे आपके इंटरनेट के अनुभव को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए “इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियां“.
History of Internet in Hindi (इंटरनेट का इतिहास)
कहते है आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. यह बात इन्टरनेट की खोज पर बिलकुल सटीक बैठती है. इन्टरनेट का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है. सन 1960 में शीत युद्ध के दौरान गुप्त रूप से बहुत तेज गति से सूचनाओं के आदान प्रदान करने की आवश्यकता हुई.
इसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर एक नेटवर्क की खोज हुई, जिसे आज हम इन्टरनेट के नाम से जानते है. अगर बात की जाये कि इन्टरनेट की खोज किसने की इसमें किसी एक व्यक्ति को पूरा श्रेय नहीं दिया जा सकता है. इन्टरनेट का आविष्कार करने में कई लोगों का योगदान था. आइये इन्टरनेट के इतिहास और खोजकर्ताओं पर संक्षेप में जानते है.
इंटरनेट की खोज किसने की?
इंटरनेट की खोज के पीछे कई लोगो का हाथ था. शीत युद्ध के दौरान सबसे पहले लियोनार्ड क्लेरॉक (Leonard Kleinrock) ने अमेरिकी रक्षा विभाग को एक नयी तकनीक से लैस करने की योजना बनायीं. इस योजना के अनुसार कई कंप्यूटरों को आपस में जोड़ कर सूचनाओं का आदान प्रदान करना था, जिससे कि सेना को जरुरी जानकारी बहुत जल्दी मिल जाए.
इस नेटवर्क को बनाने में उनका साथ दिया एम.आई.टी. के वैज्ञानिक J.C.R. Licklider और रोबर्ट टेलर (Robert Taylor) ने. जिन्होंने ने सन 1962 में कंप्यूटर का एक “Galactic Network” बनाने का प्रताव रखा. जिस पर लगातार काम होता रहा.
और 1965 में, एक और एम.आई.टी. वैज्ञानिक ने एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक जानकारी भेजने का एक तरीका विकसित किया जिसे “Packet Switching” कहा गया। पैकेट स्विचिंग डाटा को ब्लाक या पैकेट में तोड़ कर डाटा ट्रान्सफर करता था.
इस तकनीक की शुरुआत सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग की Advance Research Projects Agency (ARPA) द्वारा की गई थी। जिस वजह से इसे ARPANET का नाम दिया गया. ARPANET में एक computer से दूसरे computer से जोड़ने के लिए NCP यानि कि (Network Control Protocol) का इस्तेमाल किया गया था.
October 29, 1969 को ARPAnet के माध्यम से पहला सन्देश “LOGIN” लिख कर भेजा गया, जो कि आंशिक रूप से सफल हुआ और सन्देश के पहले दो अक्षर “LO” का ही डाटा ट्रान्सफर हुआ.
1969 के अंत तक, ARPAnet से सिर्फ चार कंप्यूटर जुड़े थे, लेकिन 1970 के दौरान यह नेटवर्क लगातार बढ़ता गया। 1971 में, इसने University of Hawaii के ALOHAnet को जोड़ा और दो साल बाद इसने लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज और नॉर्वे के रॉयल रडार प्रतिष्ठान में नेटवर्क को जोड़ा।
जैसे ही इस नेटवर्क से बहुत सारे कंप्यूटर जुड़ते गए जिससे इसे वैश्विक स्तर पर एकीकृत करना कठिन होता चला गया. सन 1971 में सबसे पहला Email Ray Tomlinson ने भेजा था। जैसे जैसे इसके फायदे का पता चलता गया वैसे वैसे ही इसका इस्तेमाल बढता गया.
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इन्टरनेट का जनक : Father of Internet in Hindi
1970 के दशक के अंत तक, विंटन सेर्फ नाम के एक कंप्यूटर वैज्ञानिक ने दुनिया के सभी मिनी-नेटवर्कों पर एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए सभी कंप्यूटरों के लिए एक तरीका विकसित करके इस समस्या को हल करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने आविष्कार को “ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल” या TCP कहा।
बाद में, उन्होंने एक अतिरिक्त प्रोटोकॉल जोड़ा, जिसे “इंटरनेट प्रोटोकॉल” IP के रूप में जाना जाता है। आज हम जिस इन्टरनेट का प्रयोग करते है उसमे TCP/IP Protocol का ही इस्तेमाल किया जाता है.
सन 1974 में विंट सर्फ (Vint Cerf) और रोबर्ट ई. काहन (Robert E. Kahn) ने एक पेपर प्रकाशित किया जिसे “The Fathers Of The Internet” के नाम से जाना गया. इसी रिसर्च पेपर को प्रकाशित करने के कारण Vint Cerf को इन्टरनेट का जनक कहते है.
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भारत में इन्टरनेट कब आया?
भारत में इन्टरनेट की शुरुआत 14 अगस्त 1995 को हो गयी थी लेकिन सार्वजानिक रूप से इसे 15 अगस्त 1995 को “विदेश संचार निगम लिमिटेड” यानि VSNL द्वारा चालू किया गया था। तब इन्टरनेट का इस्तेमाल महत्वपूर्ण सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिए किया गया था और इसकी स्पीड मात्र 8-10 kbps थी।
जब भारत में इन्टरनेट की शुरुआत हुई थी तब इससे मात्र 20-30 कंप्यूटर ही जुड़े थे और इन्टरनेट कनेक्शन का खर्च भी बहुत ज्यादा था, और 9-10 kbps स्पीड के इन्टरनेट का मासिक खर्चा 500-600 रूपये के आसपास था, जो कि उस समय के हिसाब से बहुत ही ज्यादा था.
जबकि आज के समय में इन्टरनेट प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में पहुँच चूका है और पढाई से लेकर व्यापार, चिकित्सा, तकनीक, सरकारी कार्यों इत्यादि तक में इन्टरनेट का प्रयोग होने लगा है.
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इन्टरनेट की पहली वेबसाइट कौन थी? First website on Internet
इन्टरनेट पर पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को लाइव हुआ था। यह वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट की जानकारी के लिए समर्पित था और इसे टिम बर्नर्स-ली (Berners-Lee) ने बनाया था। यह यूरोपीय संगठन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च में एक NeXT computer पर संचालित हुआ था.
इस पहले वेब पेज का एड्रेस http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html था. जो देखनें में निचे दी गयी इमेज जैसा था, और आज भी live है.
इन्टरनेट कैसे काम करता है? How internet works in Hindi
दोस्तों क्या आप भी उन लोगों में से है जो यह सोचते है कि Internet सेटेलाईट के माध्यम से चलता है. अगर हाँ तो आपकी सोच एक हद तक गलत भी हो सकता है. हालाँकि इन्टरनेट को सेटेलाईट के मध्यम से भी चलाया जाता है लेकिन हम जिस इन्टरनेट का उपयोग करते है वो सेटेलाइट के माध्यम से नहीं अपितु Opticle Fibres Cable द्वारा हम तक पहुँचता है. Opticle Fibres Cable को सबमरीन केबल भी कहते है.
हम जिस इन्टरनेट का उपयोग करते है वो तीन कम्पनियों के माध्यम से होते हुए हम तक पहुँचता है. हम इन तीनों कंपनियों को तीन भाग में विजभित कर लेते है. Tier 1, Tier 2, Tier 3.
- Tier 1 में वो कंपनी आती है जिन्होंने ऑप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क समुद्र के अन्दर से पूरे विश्व भर में फैला रखा है. इन्ही केबल के माध्यम से दुनिया के सारे सर्वर एक दूसरे से कनेक्ट रहते है.
- Tier 2 में टेलिकॉम कंपनियां जैसे आईडिया, वोडाफ़ोन, एयरटेल जैसी कंपनियां आती है जिनके माध्यम से इन्टरनेट हम तक पहुँचता है.
- जबकि Tier 3 में लोकल एरिया की छोटी छोटी कंपनिया आती है जैसे तिकोना.
अब होता क्या है कि Tier 3 कि कम्पनियाँ Tier 2 से डाटा खरीदती है और Tier 2 कि कम्पनियाँ Tier 1 की कंपनी से प्रति GB के हिसाब से डाटा खरीदती है. हम लोग Tier 2 की कंपनियों से डाटा खरीदते है.
Tier 2 की कम्पनियाँ लैंडलाइन ओप्टिकल फाइबर केबल द्वारा अपने टावर को Tier 1 से कनेक्ट कर के रखते है. और वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से इन्टरनेट कि सेवा हम तक पहुचाते है.
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Types of internet in hindi : इन्टरनेट कितने प्रकार का होता है?
दोस्तों हम जिस इन्टरनेट का उपयोग करते है वह एक तरीके का सार्वजनिक नेटवर्क है जिसका प्रयोग कोई कोई भी कभी भी कर सकता है बस इसके लिए हमें नेटवर्क और डाटा कि आवश्यकता होती है.
लेकिन क्या आप जानते है कि इसके अलावा भी इन्टरनेट के कई प्रकार होते है अगर नहीं तो चलिए ये भी जान लेते है कि आखिर इन्टरनेट कितने प्रकार का होता है.
Intranet और Extranet ये भी एक प्रकार के इन्टरनेट ही है. हम से बहुत से कम ही लोग ऐसे है जो Intranet और extranet के बारे में जानते होंगे. आइय थोड़ा संक्षेप में इंट्रानेट और एक्सट्रानेट के बारे में भी जान लेते है. और जानेंगे Internet, Intranet और Extranet में अंतर क्या है.
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Intranet Kya hai?
Intranet भी इन्टरनेट की ही तरह कई कंप्यूटरों का नेटवर्क होता है. लेकिन यह इन्टरनेट से थोडा भिन्न है क्यूंकि हम जिस इन्टरनेट का उपयोग करते है वह एक सार्वजानिक network होता है.
जबकि Intranet प्राइवेट नेटवर्क होता है जो इंटरनेट की ही तरह TCP/IP के माध्यम से डेटा और एप्लीकेशन को Internal रूप से साझा करता है.
इस तरह के नेटवर्क में लोकल एरिया (LAN) के कई नेटवर्क आपस में जुड़े हुए हो सकते है. और वाइड एरिया नेटवर्क में लीज्ड लाइन्स का भी इस्तेमाल हो सकता हैं.
Intranet भी इन्टरनेट की ही तरह आपस में जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल होता है. लेकिन यह नेटवर्क प्राइवेट होता है और हर कोई सार्वजानिक रूप से इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
इस तरह के नेटवर्क का उपयोग करके कंपनी अपने एक ऑफिस को दूसरे ऑफिस से कनेक्ट रखती है. और उसको एक्सेस करने के लिए यूजर, पासवर्ड का प्रयोग किया जाता है. बिना यूजर पासवर्ड के कोई भी इसको एक्सेस नहीं कर सकता है. इंट्रानेट के बारे में और अधिक जानने के लिए पढ़ें इंट्रानेट के फायदे और इन्टरनेट में अंतर
Extranet Kya Hai?
इन्टरनेट से इंट्रानेट में जाने की प्रक्रिया Extranet कहलाती है. यह एक “Private network” है. जो पब्लिक नेटवर्क की सहायता से डाटा प्रदान करता है. यह कंपनी और व्यापारिक साझेदारों के बीच एक माध्यम की तरह काम करता है. यह कंपनी की एक शाखा को दूर स्थित दूसरी शाखा को आपस में जोड़ कर डाटा शेयरिंग करने कि अनुमति देता है.
इसको access करने के लिए user और password कि आवश्यकता होती है. यह Intranet का ही एक हिस्सा है. इसका प्रबंधन एक से अधिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है.
Internet, Intranet और Extranet में अंतर
Internet | Intranet | Extranet |
---|---|---|
1. यह एक पब्लिक नेटवर्क है. इसे दुनिया का कोई भी व्यक्ति चला कर सकता है. | यह एक प्राइवेट नेटवर्क है. इसका उपयोग कंपनी या संस्थाएं अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए करती है. | यह भी प्राइवेट नेटवर्क है. यह पब्लिक नेटवर्क की सहायता से डाटा शेयर करने में माध्यम का काम करता है. |
2. इन्टरनेट को चलाने के लिए किसी यूजर पासवर्ड कि आवश्यकता नहीं होती है. | इंट्रानेट को चलाने के लिए यूजर पासवर्ड कि आवश्यकता होती है. | इंट्रानेट कि ही तरह एक्सट्रानेट को भी चलाने के लिए यूजर पासवर्ड कि आवश्यकता होती है. |
3. इसका उपयोग सामान्य व्यक्ति भी कर सकता है. | इसको केवल एक संस्थान द्वारा चलाया जाता है. | इसका प्रयोग दो या दो से अधिक संस्थाओं के बीच डाटा शयेर करने के लिए होता है. |
4. इसमें बहुत सारे computers का नेटवर्क होता है. | इसमें केवल एक ही संस्थान के कंप्यूटरों का नेटवर्क होता है. | इसमें दो या दो से अधिक संस्थानों के कंप्यूटर आपस में कनेक्ट होते है. |
5. इसकी सिक्योरिटी यूजर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली डिवाइस पर निर्भर करती है. | इंट्रानेट कि सिक्योरिटी फायरवाल पर निर्भर करती है. | इसकी सिक्योरिटी इन्टरनेट और इंट्रानेट के फायरवाल पर निर्भर करती है. |
इन्टरनेट के फायदे और नुकसान :
इन्टरनेट आज जहाँ इंसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है वही इसके बहुत से नकारात्मक पहलु भी है. Internet in Hindi के इस लेख में हम इन्टरनेट के लाभ और हानियों के बारे में जानेंगे.
इन्टरनेट के लाभ | इन्टरनेट के नुकसान |
---|---|
1. इन्टरनेट कि सहायता से हम घर बैठे किसी भी जानकारी को प्राप्त कर सकते है. | बहुत से लोग इन्टरनेट का दुरूपयोग भ्रामक और गलत जानकारियां फ़ैलाने के लिए भी करते है. |
2. इन्टरनेट कि सहायता से हम घर बैठे व्यावसायिक कार्य भी कर सकते है. | इन्टरनेट के माध्यम से लोगों कि जानकारी चुरा कर उनका गलत फायदा उठाया जा सकता है. |
3. इन्टरनेट की मदद से हम hindi movie download करके ऑनलाइन फ्रेश एंटरटेनमेंट कर सकते है. | बहुत से बच्चे गलत संगती में पड़ कर pornography जैसे अश्लील कंटेंट देखने लगते है. जिससे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. |
4. इन्टरनेट कि मदद से youtube video Download भी कर सकते है. | जरुरत से ज्यादा इन्टरनेट का इस्तेमाल करने से बहुमूल्य समय कि बर्बादी होती है. |
5. इन्टरनेट कि सहायता से हम अपनी किसी भी इनफार्मेशन को ईमेल, facebook या whatsapp के माध्यम से तत्काल शेयर कर सकते है. | आजकल बहुत से लोग ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देते है जिसकी वजह से आपका आर्थिक नुकसान भी हो सकता है. |
6. इन्टरनेट आज एजुकेशन के क्षेत्र में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है. एजुकेशन से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारियां इन्टरनेट पर सुगमता से उपलब्ध है. | इन्टरनेट बहुत अधिक इस्तेमाल हमारे आँखों और शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक है. |
7. इन्टरनेट की सहायता से ticket booking, online banking जैसी सुविधाओं का लाभ घर बैठे ही उठा सकते है. | बहुत सी एप और वेबसाइट ऐसी भी है जिनका प्रयोग करने पर हमारा पर्सनल डाटा चोरी हो सकता जो हमारा बहुत कुछ नुकसान कर सकता है. |
इंटरनेट का उपयोग
आज इन्टरनेट के प्रयोग का दायरा बहुत ही ज्यादा असीमित हो चूका है. अपने प्रारंभिक दौर में इन्टरनेट का दायरा बहुत ही ज्यादा सीमित था और इसका प्रयोग वैज्ञानिक और रक्षा विभाग से सम्बंधित कार्यों कि सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए ही किया जाता था.
लेकिन जैसे जैसे इन्टरनेट की पहुच में आम आदमी आया इसके उपयोग का दायरा बढ़ता ही चला गया और आज असीमित क्षेत्रों में इसका उपयोग होने लगा और इन्टरनेट आज हमारे जीवन एक अभिन्न हिस्सा बन चूका है. आज इन्टरनेट का उपयोग कई चीजों में होगे लगा जैसे :
- मनोरंजन के लिए
- बैंकिंग के लिए
- किसी भी डॉक्यूमेंट को मेल के माध्यम से ट्रान्सफर करने के लिए
- आपस में बात चीत करने के लिए
- नए दोस्त बना सकते है
- online पढाई कर सकते है
- घर बैठे शोपिंग कर कर सकते है
- न्यूज़ पढ़ सकते है
- मोबाइल, बिजली, phone का बिल जमा कर सकते है.
- बिज़नस के प्रचार प्रसार के लिए.
- विज्ञापन के लिए
- किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इत्यादि
क्या आप जानते है ?
- क्या आप जानते है कि हम जिस इन्टरनेट का प्रयोग करते है वह पुरे इंटरनेट का मात्र 5% हिस्सा ही है.
- क्या आप जानते है कि इंटरनेट पूरी तरह से free है और हम जो चार्ज देते है वो इसकी मेंटिनेंस का खर्चा है.
- क्या आप जानते है दुनिया का पहला इ-मेल सन् 1971 में अमेरिका के कैंब्रिज नामक स्थान पर रे टॉमलिंसन नामक इंजीनियर ने एक ही कमरे में रखे दो कंप्यूटरों के बीच भेजा था.
- क्या आप जानते है दुनिया का सबसे पहला वायरस क्रीपर था जो अरपानेट पर खोजा गया था. यह सन 1970 की शुरुआत में इंटरनेट से पहले आया था.
- क्या आप जानते है www (world wide web) से पहले ईमेल बनाया गया था.
- क्या आप जानते है आज भी दुनिया कि कुल आबादी 40% ही इंटरनेट का इस्तेमाल करता है.
- Intranet Kya hai? Intranet Meaning in Hindi
- Internet ki Speed Kaise Badhaye
- VPN Kya Hai? VPN full form in Hindi
इंटरनेट क्या है PDF / What is internet in hindi PDF
दोस्तों अगर आप को इंटरनेट क्या है की जानकरी पीडीऍफ़ में चाहिए तो आप इस जानकारी को हिंदी पीडीऍफ़ में डाउनलोड कर सकते है। What is internet in Hindi Pdf download करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे। Download Pdf
Internet से सम्बंधित सामान्य प्रश्नोत्तरी :
Internet एक दुसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है.
इंटरनेट को हिंदी में “अंतरजाल” कहते है।
इंटरनेट का व्यक्तिगत कोई भी मालिक नहीं है.
इंटरनेट की खोज के पीछे कई लोगो का हाथ था.
भारत में इंटरनेट 80 के दशक मे आया.
इन्टरनेट पर पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को प्रकाशित हुआ था जिसका लिंक http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html है।
इन्टरनेट एक से अधिक कंप्यूटर के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान करता है.
इंटरनेट का पुराना नाम “इन्टरनेटिंग प्रोजेक्ट” है.
29 October 1969 को ARPAnet के माध्यम से पहला सन्देश भेजा गया.
Disclaimer:
दोस्तों आपको इस लेख में internet kya hai?, What is internet in hindi, Types of internet in hindi, इंटरनेट का उपयोग, इन्टरनेट के फायदे और नुकसान, History of Internet in hindi, Intranet Kya hai?, Extranet Kya Hai?, How internet works in Hindi, भारत में इन्टरनेट कब आया? इत्यादि जैसी सम्पूर्ण जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है. आशा करता हूँ आपको यह लेख जरूर पसंद आया होगा.
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Sir, aap ne short me bahut hi badhiya jankari di hai iske liye thanks
sir aap jo naye naye enternet ke bare mein batate ho ho hum sabke liye bahut acha hai aishe hi naye naye post karte rahiye thank u sir for your post
उत्साह बढ़ने के लिए धन्यवाद.
Sir, aap ne short me bahut hi badhiya. Jankari di hai iske liye thanks
Mera xam hai kal but material bhot zyada tha books mei yha apne do char line nei internet ki jo definition di hai I hope its work for me today xam
Best of Luck you dear.
thank you sir
Sir aap bhut achhe से btaye so v thanks
Thanks keep it up ??????
आपके महत्वपूर्ण कमेंट के लिए आपको धन्यवाद.
many many thanks sir
Thanks sir
the enternet -also known as the net -is the world largestcomputer
sir main aap se tution lena chata hun so plz tell me i live in moradabad in uttar perdesh
bhai aap jo puchna chahte hai yahi puch sakte. vaise mai bhi Lucknow ka rahne wla hun.
thanks sir
Aapne bahut badiya tarike se enternet ke bare me jankari di.
very?????????? thanks
Thanks sir mujhe acche se smjhaney ke liye thank you very much.
Thanks sir mujhe acche se smjhaney ke liye thank you very much.
Sar nice nhi jankariya pane ke lie
Very??????????????????????? Thanks and keep it up
thanks sir
Very nice info
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